हेल्थ डेस्क। मार्च के पहले हफ्ते में ही देशभर में गर्मी तेजी से बढ़ी है। केरल में टेम्प्रेचर इतना बढ़ गया कि 3 लोगों की हीट स्ट्रोक के चलते जान चली गई। अब वहां राज्य सरकार ने अलर्ट जारी करते हुए लोगों को हीट से बचने से सलाह दी है।
क्या होता है हीट स्ट्रोक
– हीट स्ट्रोक (लू) को सनस्ट्रोक भी कहा जाता है। हाई टेम्प्रेचर के चलते जब बॉडी का टेम्प्रेचर बढ़ जाता है, तब व्यक्ति इसका शिकार हो जाता है। बॉडी का टेम्प्रेचर 40 डिग्री सेल्सियस या इससे ज्यादा बढ़ जाने पर इस तरह की प्रॉब्लम हो सकती है।
– हीट स्ट्रोक एक इमरजेंसी कंडीशन होती है, जिसमें तुरंत इलाज की जरूरत होती है। समय पर इलाज न मिलने से यह ब्रेन, हार्ट, किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है। ज्यादा देर हो गई तो यह स्थिति को बहुत बिगाड़ देता है और इससे जान तक चली जाती है।
– ह्युमन बॉडी रोजान अलग-अलग टेम्प्रेचर से गुजरती है। टेम्प्रेचर के हिसाब से बॉडी खुद को अपने आप एडजस्ट कर लेती है। बॉडी पसीने के जरिए भी टेम्प्रेचर को मेंटेन करती है।
– लेकिन जब बॉडी टेम्प्रेचर तेजी से बढ़ता है तो बॉडी के नेचुरल मैकेनिज्म को ऐसे इफेक्ट्स को हैंडल करने के लिए पूरा टाइम नहीं मिल पाता। यही स्थिति हीट स्ट्रोक कहलाती है।
– सिर दर्द होना, चक्कर आना, भ्रमित होना, बहुत पसीना बहना, सांस लेने में तकलीफ होना जैसी चीजें हीट स्ट्रोक का संकेत हो सकते हैं। ऐसा होने पर संबंधित व्यक्ति को तुरंत ठंडे स्थान पर ले जाना चाहिए।
– तरल पदार्थ देकर उसे नॉर्मल करने की कोशिश करना चाहिए। तुरंत इसका असर न दिखे तो बिना देरी के मेडिकल ट्रीटमेंट लेना चाहिए।
आम लोगों को किन बातों को फॉलो करने का कहा
– सुबह 11 से दोपहर 3 बजे के बीच सूरज की रोशनी में सीधे जाने से बचें।
– डिहाइड्रेशन से बचने के लिए अपने साथ हमेशा पानी की बॉटल रखें।
– साफ पानी ही पीएं। चाय और कॉफी को अवॉइड करें।
– लाइट कलर के कपड़े पहनें। यह सूरज की किरणों को रिफ्लेक्ट करते हैं और बॉडी को हीट से बचाते हैं।
– बाहर जाना जरूरी हो तो छाता साथ लेकर निकलें। आंखों पर चश्मा लगाएं।
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