नेशनल डेस्क, नई दिल्ली। मोदी सरकार ने शुक्रवार को ऐलान किया है कि आने वाले वित्तीय वर्ष 2019-20 में 4.42 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेगी। वो ये कर्ज बॉन्ड की नीलामी करके जुटाएगी। वहीं, दूसरी छमाही में 2.68 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेगी। पहली छमाही का 4.42 लाख करोड़ रुपए का कर्ज अगले साल लिए जानेवाले कर्ज का 62% से ज्यादा होगा।
बॉन्ड नीलाम कर लेंगे कर्ज
– वित्तीय मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग के मुताबिक, अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 7.1 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा था। वहीं, मौजूदा वित्तीय वर्ष में सरकार ने 5.71 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। केन्द्र सरकार अप्रैल-सितंबर के बीच हर हफ्ते 17,000 करोड़ के बॉन्ड की नीलामी कर यह रकम जुटाएगी।
इतना कर्ज लेने का क्या है कारण
– सरकार पिछले कर्जों की अदायगी के लिए ये कर्ज ले रही है। सरकार को वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में ही करीब 1.02 लाख करोड़ रुपए और दूसरी छमाही में करीब 1.35 लाख करोड़ रुपए की कर्ज अदायगी करनी है।
– आर्थिक जानकारों का मानना है कि वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में कॉरपोरेट कर्ज लेने वालों की कमी होती है, ऐसे में पहली छमाही में ही ज्यादा कर्ज लेने से सरकार को फायदा मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही सरकार नई सात वर्षीय बेंचमार्क गवर्नमेंट सिक्योरिटी को भी पेश करने पर विचार कर रही है।
– सुभाष चंद्र गर्ग नेकहा कि सरकार आगामी वित्तीय वर्ष में राजकोषीय घाटे को कुल जीडीपी के 3.4 प्रतिशत तक रखने का लक्ष्य रखा गया है। इससे पहले सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राजकोषीय घाटा मौजूदा वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में 2.5 प्रतिशत रहा है, जबकि एक साल पहले ही यह 2.1 प्रतिशत था।
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