राहुल वायनाड से भी लड़ेंगे, शाह बोले- वहां ध्रुवीकरण की राजनीति से जीतना चाहते हैं


नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्षराहुल गांधी दो सीटों से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। पार्टी की ओर से रविवार को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहागया किकेरल से लगातार आ रही कार्यकर्ताओं की मांग को देखते हुए उन्होंनेअमेठी के साथ हीवायनाड से भी चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इस पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि राहुल वायनाड से ध्रुवीकरण की राजनीति कर जीतना चाहते हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने कहा- यह बेहद खुशी की बात है। पिछले कई हफ्ते से मांग उठ रही थी कि राहुल दक्षिण भारत से भी चुनाव लड़ें। केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक से मांग आ रही थी। इस पर विचार-विमर्श के बाद राहुल का वायनाड सीट से चुनाव लड़ना तय हुआ।

‘अमेठी छोड़कर भागे राहुल’
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ने पर तंज कसा। शाह ने कहा, ‘मैंने वॉट्सऐप पर पढ़ाकि राहुल अमेठी को छोड़कर केरल भाग गए हैं। आखिर उन्हें केरल क्यों जाना पड़ा? हम सभी जानते हैं कि राहुल का अमेठी से ही लड़ना तय था, लेकिन अब वे वहां जाकर ध्रुवीकरण की राजनीति से जीत हासिल करना चाहते हैं।’

माकपा ने उठाए सवाल

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा- हर पार्टी को उम्मीदवार और उसकी सीट तय करने का अधिकार है, लेकिन राहुल गांधी को स्पष्ट करना चाहिए कि वे जनता को क्या संदेश देना चाहते हैं।

वहीं, माकपाके पूर्व महासचिव प्रकाश करात ने कहा- राहुल को वायनाड सीट से उतारने का कांग्रेस का फैसला केरल में उसकी वाम दल के खिलाफ प्राथमिकता को दर्शाता है। यह उसकी भाजपा के खिलाफ लड़ने की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता के खिलाफ है। वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा- राहुल को राज्य में ऐसी सीट से चुनाव लड़ना चाहिए जहां भाजपा का उम्मीदवार हो। यह वाम दलके खिलाफ लड़ाई के सिवाय औरकुछ नहीं है।

मेनका गांधी ने कहा- यह उन (राहुल) पर है कि वे कहां से लड़ना चाहते हैं। मैं कैसे बताऊं कि वे डरे हुए हैं या नहीं। दोनों (अमेठी-वायनाड) सीटों से जीत हमारी (भाजपा) ही होगी।

रणनीतिक तौर परवायनाड सीटकाफी अहम

एंटनी ने बताया कि राहुल की ओर सेवायनाड कोचुनने की कई वजह हैं। यह सीट सांस्कृतिक और भौगोलिक रूप से काफी अहम है। यह केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमाओं कोजोड़ती है। ऐसे में राहुल का यहा से चुनाव लड़नाएक तरह से पूरे दक्षिण भारत का प्रतिनिधित्व होगा।

स्मृति से राहुल सबसे कम अंतर से जीते
अमेठी में भाजपा ने इस बार भीकेंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी काे उतारा है। 2014 के लाेकसभा चुनाव में राहुल ने उन्हें 1.07 लाख वाेटाें से हराया था। हालांकि, राहुल की जीत का यह अंतर 2009 की तुलना में काफी कम था। तब राहुल 3.70 लाख वाेटाें से जीते थे। राहुल 2004 से लगातार तीन बार अमेठी से सांसद चुने जा चुके हैं। 2009 में वह 3.70 लाख वाेटाें से जीते थे।चुनाव हारने के बावजूद स्मृति अमेठी में लगातार सक्रिय रहीं औरभाजपा ने इस बार फिर उन्हें टिकट दिया है।

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