नेशनल डेस्क (देहरादून). उत्तराखंड में एक छात्र की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है। ऋषिकेश के नजदीक स्थित एक स्कूल में सातवीं कक्षा के छात्र को उसके ही सीनियर छात्रों ने बेरहमी से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। हद तो तब हो गई, जब स्कूल प्रबंधन ने छात्र के शव को बिना उसके परिवार को सूचित किए, स्कूल के कैंपस में ही दफन कर दिया। ये घटना 10 मार्च को देहरादून के एक बोर्डिंग स्कूल की है। पुलिस के मुताबिक, छात्र की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कई गंभीर चोट की बात सामने आई, जिनकी वजह से उसकी मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने बुधवार को दो सीनियर छात्रों और स्कूल के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है।
छात्र को बैट और स्टंप से पीटा गया
– पुलिस के मुताबिक, हत्या का आरोप 12वीं में पढ़ने वाले दो छात्रों पर है। उन्होंने बिस्किट चुराने के शक में 7वीं क्लास के वासु यादव को क्लास रूम में स्टंप और बैट से पीटा और उसे वहीं छोड़कर चले गए थे। इसके बाद छात्र जख्मी हालत में तब तक वहीं पड़ा रहा, जब तक हॉस्टल के वॉर्डन की नजर उस पर नहीं पड़ी।अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
स्कूल प्रबंधन पर मामला दबाने का आरोप
– छात्र के परिजन यूपी के हापुड़ में रहते हैं। उनका आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने मौत के मामला दबाने की पूरी कोशिश की। पोस्टमॉर्टम के बगैर ही स्कूल कैंपस में शव को दफना दिया। पुलिस ने हत्या की धाराओं में केस दर्ज करने के साथ ही हॉस्टल मैनेजर, वॉर्डन और स्पोर्ट्स टीचर पर सबूत मिटाने की धाराएं लगाई हैं।
– एसएसपी निवेदिता कुकरेती के मुताबिक, इस मामले में साफ तौर पर स्कूल प्रबंधन की चूक सामने आई है। छात्र को समय पर अस्पताल नहीं ले जाया गया और पुलिस को सूचना दिए बगैर ही मामला छिपाने के लिए शव दफना दिया।
स्कूल ने परिजन को गुमराह किया
– स्कूल प्रबंधन ने बच्चे के परिजनों को भी गुमराह किया। उन्हें सूचना दी गई थी कि फूड प्वॉइजनिंग के चलते उनके बेटे की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था।उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की चैयरपर्सन ऊषा नेगी ने बताया कि ये घटना 10 मार्च की है और हमें 11 मार्च को मौत की सूचना मिली थी।
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