कांजीकुझी (केरल). 2018 में 40000 टन से ज्यादा ऑर्गेनिक सब्जियां उगाने वाली केरल की एक पंचायत पूरे राज्य के लिए आदर्श बन गई है। कांजीकुझी के 8000 से ज्यादा परिवार सिर्फ ऑर्गेनिक सब्जियां उगाते हैं। पिछले साल करीब 160 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ। इससे हर परिवार को करीब 2 लाख रुपए की कमाई हुई। कांजीकुझी को केरल की पहली ऑर्गेनिक पंचायत बनने में दो दशक लगे हैं।
दरअसल, 18 वार्डों वाली इस पंचायत के लोगों का प्रमुख काम कॉयर (नारियल की जटा) बनाने का था। इसकी कम होती मांग ने लोगों की आर्थिक स्थिति बिगाड़ दी। पंचायत प्रमुख एनजी राजू बताते हैं कि लोगों की रुचि खेती में बिल्कुल नहीं थी। फल-सब्जियों के लिए दूसरे राज्यों पर ही निर्भर रहना पड़ता था। यहां की जमीन रेतीली है, बेहद सूखी और खेती के लिए बिल्कुल बेकार है।
पंचायत में हर घर को सब्जी उगाना अनिवार्य
ऐसे में लोगों को खेती के लिए मनाना आसान नहीं था। राजू बताते हैं कि 1995 में पंचायत ने हर घर के लिए सब्जी उगाना अनिवार्य कर दिया। पंचायत द्वारा ही बीज और जरूरी सहायता दी गई। उद्देश्य यह था कि पंचायत के लोग आय के दूसरे विकल्पों की ओर देखें। लगातार निगरानी और लोगों की सक्रिय भागीदारी से कांजीकुझी ने सफलता की कहानी रच दी।
खेती के लिए तैयार नहीं थे, अब राज्य के श्रेष्ठ किसान
इसी पंचायत में रहने वाले दिव्या और ज्योतिष ने शादी के बाद एक एकड़ जमीन खरीदकर ऑर्गेनिक सब्जी उगाना शुरू किया। ज्योतिष बताते हैं कि वह खेती के लिए तैयार नहीं थे, सबसे बड़ी समस्या सब्जी बेचने की थी। ऑटो में सब्जियां लेकर जाना पड़ता था। लेकिन बिक्री केंद्र खुलने के बाद यह आसान हो गया है। दिव्या को 2014-15 के लिए राज्य की सर्वश्रेष्ठ किसान का अवॉर्ड मिला है। अब वह पंचायत की सदस्य भी हैं।
ऑर्गेनिक खेती:
- सबसे ज्यादा किसान भारत में, 4000 करोड़ रुपए का बाजार
- दुनिया में ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसान 27 लाख हैं। इनमें 8.35 लाख भारत में हैं। दूसरे नंबर पर युगांडा (2.10 लाख) और तीसरे पर मेक्सिको(2.10 लाख) है।
- 2016 में 6.21 लाख करोड़ के ऑर्गेनिक उत्पाद बेचे गए। 2022 तक 18 लाख करोड़ की इंडस्ट्री हो जाएगी।
- भारत में ऑर्गेनिक उत्पादों का बाजार 2018 तक 4000 करोड़ रुपए का है। 2020 तक इसके 12,000 करोड़ रुपए तक होने का अनुमान है।
(स्रोत: वर्ल्ड ऑफ ऑर्गेनिक कल्चर रिपोर्ट-2018, ईएंडवाय, एसोचैम)
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