मनरेगा की ड्राफ्टिंग करने वाले अर्थशास्त्री को झारखंड में सभा करने पर हिरासत में लिया


गढ़वा. झारखंड के गढ़वा मेंअर्थशास्त्री ज्यां द्रेज और उनके दो सहयोगियों कोपुलिस ने गुरुवार कोहिरासत में लिया। यहां के बिशुनपुरा थाने मेंकरीब तीन घंटेतक पुलिस ने तीनों से पूछताछ की। इसके बाद उन्हेंछोड़ दिया। सभी पर प्रशासन की अनुमति के बिनाकार्यक्रम करने का आरोप है।ज्यां द्रेज ने इस कार्रवाई को लोकतंत्र के खिलाफ बताया है।पुलिस का आरोप था कि आचार संहिता को देखते हुए इस कार्यक्रम की स्वीकृति नहीं मिली थी। बावजूद इसके यह कार्यक्रम हो रहा था। जिसके कारण पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।

कार्यक्रम के लिए अड़े तो थाना ले गई पुलिस
डेहान ग्रुप द्वारा विशुनपुरा प्रखंड मुख्यालय में विभिन्न मुद्दों को लेकर जन सुनवाई का कार्यक्रम रखा गया था। इसके आयोजकों विवेक कुमार, अनुज कुमार आदि के द्वारा कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रुप मेंअर्थशास्त्री ज्यां द्रेज को बुलाया गया था। कार्यक्रम शुरू होने के ठीक थोड़ी देर पहले विशुनपुरा थाना की पुलिस पहुंच कर आयोजकों को कार्यक्रम नहीं करने की चेतावनी दी। इसके बाद आयोजक व ज्यां द्रेज कार्यक्रम के लिए अड़ गए। फिर पुलिस टीम ने ज्यां द्रेज सहित विवेक कुमार, अनुज कुमार को अपने साथ थाना ले आई। यहां करीब तीन घंटे तक उन लोगांे को बैठाया गया। यहां उक्त लोगों से पूछताछ और बयान लेने के बाद छोड़ दिया गया।

ज्यां द्रेज ने कहा- पुलिस की ये कार्रवाई लोकतंत्र के विरुद्ध
आज के परिवेश में शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात को रखना अलोकतांत्रिक हो गया है। जनसुनवाई कार्यक्रम की सूचना एक सप्ताह पूर्व देने के बाद भी अनुमति नहीं दी गई। यह सरकारी तंत्र की मनमानी नहीं है तो और क्या है। उक्त बातें विशुनपुरा थाना से हिरासत के बाद मुक्त किए गए अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने पत्रकार वार्ता कर कही। वहीं मनरेगा वाच के जेम्स हेरेंज ने कहा कि चुनाव के समय स्थानीय मुद्दे गौण हैं। क्षेत्र की ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया जाना था। ताकि लोग अपने हक अधिकार के लिए एकजुट हो सकें। इसकी अनुमति के लिए आवेदन भी प्रशसान को दी गई थी। लेकिन समय पर प्रशासन की ओर से दिये गये आवेदन पर विचार नहीं किया गया। वहीं डेहान ग्रुप के अध्यक्ष विवेक कुमार ने बताया कि ग्रुप के तरफ से यह पूर्व नियोजित कार्यक्रम था। जिसे नहीं करने दिया गया। कार्यक्रम की सूचना स्थानीय थाना और अनुमंडल कार्यालय नगर उंटारी को 18 मार्च को दी गई थी। लेकिन कार्यक्रम की अनुमति नहीं मिली।

आयोजकों ने कहा- पुलिस ने किया प्रताड़ित
सचिव अनुज कुमार ने कहा कि यह कार्यक्रम एक सामाजिक मुद्दे पर चर्चा करने को लेकर रखा गया था। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा हमसभी को लगभग 3 घंटे थाने में रखा गया। हमसभी को प्रशासन द्वारा थाना ले जाकर प्रताड़ित किया गया है। प्रशासन द्वारा अनेक प्रकार की दफा लगा केस कर जेल भेजने की धमकी दिया गया। उन लोगों को थाना से छोड़ने के लिए जबरन पीआर आवेदन लिखवाया जा रहा था। आवेदन लिखने के बाद भी प्रशासन पीआर आवेदन लेने से मना कर दिया। इसके बाद प्रशासन द्वारा जबरन किसी दूसरे वाहन से उन लोगोंको कार्यक्रम स्थल पर छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रशासन का यह कार्रवाई बहुत ही निंदनीय है।

क्या कहते हैं अनुमंडल पदाधिकारी
इस सबंध मेंबंशीधर नगर के अनुमंडल पदाधिकारी कमलेश्वर नारायण ने कहा कि डेहान ग्रुप द्वारा कार्यक्रम आयोजन को लेकर आवेदन दिया गया था। लेकिन इस कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति चुनाव आचार संहिता को देखते हुए उक्त लोगोंको नहीं दी गई थी। बावजूद इसके वे लोग कार्यक्रम करने के लिए अड़े हुए थे। आज गुरुवार को भी 11 बजे उक्त लाेगों को बिना अनुमति कार्यक्रम नही करने की चेतावनी दी गई थी। लेकिन वे लोग नही मानें। इसके बाद चुनाव आचार संहिता को देखते हुए यह कार्रवाई करनी पड़ी।

प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने किया ट्वीट
ज्यां द्रेज को हिरासत में लिए जाने की खबर पर वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट किया किअर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के साथ मिलकर कई किताबें लिखने वाले ज्यां द्रेज समेत तीन लोगों को झारखंड में गिरफ्तार किया गया। ये राइट टू फूड के संबंध में लोगों को जागरूक करने पहुंचे थे। गुड़गांव में मुस्लिम परिवार पर हमला करने वाले खुलेआमघूम रहे हैं और प्रधानमंत्री वर्ष 2012 के डीआरडीओ की उपलब्धिपर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।

योगेंद्र यादव ने लिखा- शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। ज्यां द्रेज अर्थशास्त्री हैं। एक व्यक्ति, जिसमें नोबेल पाने की क्षमता है, वह झुग्गियों में रहने वालेऔर गरीबों की समस्याओं के बारे में लिख रहे हैं। उन्होंने गरीबों के लिएकिसी अन्य अर्थशास्त्री से ज्यादा काम किया। ज्यां द्रेज एक अमनपसंद व्यक्ति हैं, जिन्होंने चमक-दमक की दुनिया छोड़कर भारत की नागरिकता ली। उनकी गिरफ्तारी से ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता।

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पुलिस थाने में सहयोगियों के साथ ज्यां द्रेज।