100 से ज्यादा वैज्ञानिक, 6 महीने का काम.. ऐसे तैयार हुआ वो हथियार, जिससे 3 मिनट में भारत बर्बाद कर देगा दुश्मन का पूरा डिफेंस सिस्टम


नेशनल डेस्क. दुनिया के तीन ताकतवर देशों के बाद भारत चौथा ऐसा देश बन गया है जिसके पास अंतरिक्ष में लाइव सैटेलाइट मार गिराने की क्षमता है। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन के पास ये तकनीक थी। कल मोदी ने कहा था कि वैज्ञानिकों ने सिर्फ तीन मिनट में एंटी सैटेलाइट (A-SAT) मिसाइल के जरिए धरती से महज तीन सौ किलोमीटर की दूरी पर अंतरिक्ष में अपने द्वारा छोड़ा गया एक माइक्रो सैटेलाइट मार गिराया। ये सैटेलाइट LEO यानी ‘लो अर्थ आर्बिट’ में मौजूद था। मिशन पर डीआरडीओ के चेयरमैन जी. एस. रेड्डी का कहना है कि दो साल पहले ही प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ है, लेकिन पिछले 6 महीने में इसमें तेजी की गई।

100 से अधिक वैज्ञानिकों ने किया काम : जी.एस. रेड्डी ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि 6 महीने में 100 से अधिक वैज्ञानिकों ने दिन-रात एक कर दी। तब जाकर ये प्रोजेक्ट पूरा हुआ। इस दौरान लगातार एनएसए अजीत डोभाल को रिपोर्ट किया जा रहा था। अजीत डोभाल से पीएम मोदी लगातार जानकारी ले रहे थे।

क्या होता है लो अर्थ आर्बिट (LEO) :अंतरिक्ष में मौजूद सैटलाइट धरती की जिस सबसे निचली कक्षा में मौजूद होता है, तो उसे ‘लो अर्थ आर्बिट’ कहा जाता है। ‘लो आर्बिट अर्थ’ यानी धरती से सबसे कम दूरी की कक्षा और इस निचली कक्षा में मौजूद सैटेलाइट को ‘लो आर्बिट सैटेलाइट’ कहा जाता है। ये लो ऑर्बिट धरती से 160 किलोमीटर से लेकर 2000 किलोमीटर तक की दूरी पर होता है। बता दें कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भी लॉ आर्बिट में स्थापित किया गया है। धरती से इसकी दूरी 161 से 322 किमी है।

सैटलाइट को निशाना बनाना आसान नहीं :लो ऑर्बिट अर्थ में सैटेलाइट को निशाना बनाना आसान काम नहीं होता। क्योंकि इस निचली कक्षा में वेलोसिटी 27 हजार किलोमीटर प्रति घंटा होती है। इस वजह से ‘लो ऑर्बिट’ में मौजूद सैटेलाइट भी तेजी से मूव करता है। इस लिहाज से भी अंतरिक्ष में ‘लो ऑर्बिट’ सैटेलाइट को सिर्फ तीन मिनट में मार गिराना भारत के लिए वाकई सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। क्योंकि ऐसा पहले सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन कर चुके हैं।

पड़ोसी देशों की प्रतिक्रिया : अंतरिक्ष मेंमाइक्रो सैटेलाइट को मार गिराने परप्रतिक्रिया देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ‘हमने खबरें देखी हैं और उम्मीद करते हैं कि प्रत्येक देश बाहरी अंतरिक्ष में शांति बनाए रखेंगे।’
– वहीं पाकिस्तान ने कहा कि ‘अंतरिक्ष मानव की साझी विरासत है और हर देश की जिम्मेदारी है कि वह ऐसा कोई काम करने से बचे, जिससे इसका मिलिटराइजेशन हो।’

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A-SAT missile project began two years ago says DRDO Chairman