30 घंटे में कन्हैया कुमार ने जुटाए 30 लाख रुपये


पटना (पंकज कुमार सिंह). एक रुपये और एक वोट का चुनावी फंड जमा करने का वामपंथी फॉमूला अब बदल गया है। वामपंथी नेता हाइटेक हो गए हैं। कामरेड अब लोगों से ऑनलाइन सहायता राशि ले रहे हैं। बेगूसराय में भाकपा से चुनाव मैदान में उतरे कन्हैया कुमार आवर डेमोक्रेसी डॉट इन पर चुनावी खर्च जुटाने के लिए कैंपेन कर रहे हैं। 33 दिनों में 70 लाख रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है,लेकिन30 घंटे में ही 2300 लोगों ने कन्हैया को लगभग 30 लाख रुपये चंदा दे दिया।

बिहार में किसी भी पार्टी द्वारा इस प्रकार का चुनावी फंड जमा करने का यह पहला प्रयोग है। क्राउड फंडिंग में कन्हैया को सबसे अधिक राशि दिल्ली के महेश्वर पेरी ने 5 लाख रुपये दी है। बेगूसराय का चुनाव चौथे चरण में 29 अप्रैल को है। कन्हैया ने तीन मिनट का वीडियो क्लिप जारी किया है। इसमें कहा है- मै बेगूसराय से चुनाव लड़ रहा हूं। चुनाव के लिए मुझे आपसे सहयोग चाहिए।

प्रचार में आएंगे कई दिग्गज

भाकपा नेता बताते हैं कि कन्हैया की जीत सुनिश्चित करने के लिए देश भर के विभिन्न क्षेत्रों के लोग प्रचार करने आएंगे। इसमें फिल्मी कलाकारों से लेकर एक्टिविस्ट और राजनेता शामिल रहेंगे। दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और हार्दिक पटेल के भी आने की संभावना है।

बेगूसराय में वर्षों बाद लहराएगा लाल झंडा

भाकपा के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह का दावा है कि कन्हैया को बेगूसराय में हर वर्ग का समर्थन है। जीत निश्चित है। गरीबों, युवाओं और आम लोगों के मुद्दों को वह उठा रहा है। भाकपा नेता के अनुसार बेगूसराय लगभग सभी गांवों में कन्हैया ने दौरा पूरा कर लिया है। वह पिछले एक साल से बेगूसराय में कैंप कर लोगों से जनसंपर्क कर लोगों की समस्या को समझ रहा है।

महागठबंधन के निर्णय से आहत है भाकपा

भाकपा की उम्मीदों पर तब पानी फिर गया, जब एक मात्र बेगूसराय सीट भी महागठबंधन छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुआ। भाकपा ने तो दो साल पहले ही कन्हैया को बेगूसराय लोकसभा सीट का उम्मीदवार घोषित कर दिया था। भाजपा और एनडीए को चुनाव में शिकस्त देने के लिए भाकपा लगातार प्रयास कर रही थी कि विपक्षी दलों का व्यापक गठबंधन बने। भाकपा नेताओं की इस मामले पर महागठबंधन के दलों के नेताओं से बात भी हुई, लेकिन बात बनी नहीं।

क्या है क्राउडफंडिंग

किसी भी कार्य के लिए लोगों से धन जमा कराने का नया तरीका है क्राउडफंडिंग। अपने देश में किसी सार्वजनिक आयोजन के लिए चंदे का चलन विदेशों में क्राउड फंडिंग के रूप में प्रचलित हुआ। जबकि क्राउड फंडिंग का क्षेत्र व्यापक है। इसमें धार्मिक कार्यों के साथ ही सार्वजनिक कार्य या व्यावसायिक कार्य, पुल बनाना, मोहल्ले की सफाई, सड़क बनाने आदि के लिए राशि ली जाती है।

भाजपा का आईटी सेल मेरे साइट को हैक करने की कोशिश कर रहा है। लगातार परेशान किया जा रहा है। इसके बावजूद बेगूसराय ही नहीं, देश भर में संविधान और लोकतंत्र में भरोसा रखने वाले लोग हमारे साथ हैं। – कन्हैया कुमार।

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Kanhaiya Kumar Collected 30 lakh rupees in 30 hours