नेशनल डेस्क/ नई दिल्ली: पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर से 20 करोड़ रुपए की फिरौती मांगने वाली सोनिया धवन ने पांच महीने की जेल काटने के बाद फिर से कंपनी ज्वॉइन कर ली है। दो हफ्ते पहले ही सोनिया को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दी है। पेटीएम के वरिष्ठ अफसर ने बताया कि सोनिया कंपनी में वापस पहले जैसी ही जिम्मेदारी चाहती हैं। वो विजय शेखर से भी मुलाकात कर चुकी है। कंपनी अगली सुनवाई में सोनिया समेत तीन आरोपियों के खिलाफ अपनी शिकायत वापस ले सकती हैं। बता दें कि सोनिया को 22 अक्टूबर 2018 में अरेस्ट किया गया था। आइए आपको बताते हैं कि कैसे सोनिया पर पेटीएम के मालिक को ब्लैकमेल करने का आरोप लगा था और कैसे सोनिया कंपनी में सेक्रेटरी से कंपनी की कम्युनिकेशन हेड बन गईं थी…
विजय के भाई अजय को आया था पहली बार कॉल
20 सितंबर 2018 को पेटीएम के मालिक विजय शेखर के भाई अजय शेखर को पहली बार थाईलैंड के वर्चुअल नंबर से डेटा लीक करने का धमकी भरा फोन आया था। फिर दूसरे दिन उसी नंबर से कॉल आया। ब्लैकमेलर्स ने पेटीएम का डेटा चोरी कर उसे पब्लिक करने की धमकी दी थी। इसके एवज में 20 करोड़ रुपए की मांग रखी थी। पुलिस के मुताबिक, सोनिया ने पति रूपक और ऑफिस के दो साथियों के साथ मिलकर पूरी साजिश रची थी। पुलिस ने 22 अक्टूबर 2018 को सोनिया के अलावा 2 और आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
67 रुपए की वजह से पकड़े गए आरोपी
नोएडा के एसएसपी अजय पाल शर्मा के मुताबिक- ‘पेटीएम के मालिक ने एक महिला और उसके सहयोगियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने कंपनी का डेटा चुराए जाने और ब्लैकमेलिंग की बात कही थी। अजय के मुताबिक, ब्लैकमेलिंग एक अक्टूबर से शुरू हुई थी। हमने 10 अक्टूबर को महज 67 रुपए आरोपी के अकाउंट में डालकर उसके बैंक की डिटेल ली। फिर 15 अक्टूबर को 2 लाख रुपए उनके बताए बैंक अकाउंट में जमा भी करा दिए। इससे आरोपियों का हौसला बढ़ गया। उन्होंने फिर रुपए मांगने के लिए कॉल किया। फिर विजय शेखर शर्मा ने पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने बताया कि ब्लैकमेल करने वाले कोलकाता के आरोपी रोहित चोमल को पैसे देने के बाद नोएडा पुलिस को जानकारी दी गई। पड़ताल में पता चला कि सोनिया, रूपक और कंपनी का एडमिन देवेंद्र तीनों मिलकर रोहित के साथ इस साजिश में शामिल थे।
कौन है सोनिया धवन?
– सोशल मीडिया अकाउंट्स पर खुद को पेटीएम में कम्युनिकेशन हेड बताने वाली सोनिया का जबरदस्त रुतबा था। कंपनी के अंदर उसका सिक्का चलता था। बताया जाता है कि विजय शेखर का विश्वास जीत लेने के कारण कंपनी के बड़े-बड़े अधिकारी उसके सामने बौने हो गए थे।
– मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पेटीएम से पहले सोनिया एक इंग्लिश न्यूज पेपर ग्रुप में बिजनेस आपरेशन मैनेजर के पोस्ट पर तैनात थी। उसी दौरान वो पेटीएम संस्थापक विजय शेखर शर्मा के कॉन्टेक्ट में आई। जनवरी 2010 में सोनिया ने अखबार की दुनिया को अलविदा कहकर ‘पेटीएम वन 97’ का दामन थाम लिया। सोनिया कंपनी में सेक्रेटरी मीडिया कांट्रेक्ट के पद पर तैनात हुई थी।
कुछ साल में मामूली कर्मचारी से बन गई बॉस की सेक्रेटरी
– सोनिया का कम्युनिकेशन स्किल बेहतरीन था, यही वजह है कि आठ साल के छोटे से वक्त में वो विजय शेखर की सेक्रेटरी बन गई। विजय शेखर शर्मा की हर बिजनेस डील में सोनिया जाया करती थी। आए दिन सोनिया का सिंगापुर, हांगकांग व बेंगलुरू का ट्रिप होता था।
– चीन की सबसे बड़ी अलीबाबा कंपनी के साथ पेटीएम के संपर्क में लाने में सोनिया धवन की अहम भूमिका बताई जा रही है।
– सोनिया ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर ‘Hard work is glory, everything else is theory’ लिखा हुआ था, हालांकि तरक्की के लिए सोनिया ने खुद हार्ड वर्क की बजाए शॉर्ट कट का रास्ता अख्तियार कर लिया।
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