इंटरनेशनल डेस्क. पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) के बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक के करीब महीने भर बाद पाकिस्तानी आर्मी ने पत्रकारों के एक दल को वो जगह दिखाई जहां इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पत्रकारों के इस दल का ये दौरा 28 मार्च को हुआ था। इसके जरिए पाकिस्तान ने ये बताने की कोशिश की है कि भारत की एयर स्ट्राइक से उसे कुछ भी नुकसान नहीं हुआ था। हालांकि पत्रकारों को केवल उन्हीं जगहों को दिखाया गया, जहां पाक सेना उन्हें लेकर गई।
– सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वहां मौजूद जैश-ए-मोहम्मद के मदरसे में अब भी 300 से ज्यादा बच्चे मौजूद हैं। पाक आर्मी ने ना केवल पत्रकारों को उन बच्चों से मिलने दिया बल्कि उनका वीडियो भी बनाने दिया।
– ये इलाका अब भी पाक सेना की फ्रंटियर कॉर्प की सुरक्षा में है, जो कि पाकिस्तान की अद्धसैनिक बलों की एक टुकड़ी है। सूत्र के मुताबिक, ‘पत्रकारों को हेलिकॉप्टर के जरिए लोकेशन पर ले जाया गया था, जहां उन्हें मदरसे के बच्चों से भी मिलवाया गया, साथ ही उनका वीडियो बनाने का मौका भी दिया गया।’
– खुफिया सूत्रों के मुताबिक 28 मार्च को पत्रकार सुबह 10 बजे से दोपहर करीब 3 बजे तक तक घटनास्थल पर मौजूद रहे। बता दें कि 14 फरवरी को हुए पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी। सरकारी दावे के मुताबिक इस कार्रवाई में जैश के करीब 300 आतंकी मारे गए थे।
कोई नुकसान नहीं होने का दावा करता रहा है पाक
– पाकिस्तान अबतक कहता आया है भारत के हमले में उसे कोई नुकसान नहीं हुआ था। लेकिन इसके बावजूद उसने पिछले एक महीने से इस इलाके में कड़ी सुरक्षा करते हुए यहां बाहरी लोगों के घुसने पर रोक लगा रखी थी।
– मीडिया एजेंसी रॉयटर्स की टीम ने 28 फरवरी से लेकर 8 मार्च के बीच तीन बार बालाकोट में जाने की कोशिश की, लेकिन तीनों ही बार उन्हें पाक सेना ने मना कर दिया। पाक सेना ने कभी खराब मौसम का हवाला दिया तो कभी सुरक्षा कारणों का।
– उधर हाल ही में पाकिस्तान ने पुलवामा हमले में किसी तरह का हाथ होने से जुड़े सबूत नहीं मिलने का दावा किया है। उसके मुताबिक भारत ने जिन 22 स्थानों के बारे में बताया था, वहां पर कोई आतंकवादी शिविर नहीं हैं।
– इसके साथ ही उसने कहा है कि अगर भारत सरकार की ओर से कोई गुजारिश आती है, तो पाकिस्तान इन जगहों का दौरा करने की अनुमति देने को तैयार है। पुलवामा हमले को लेकर 54 लोगों के खिलाफ जांच की जा रही है, पर अभी तक हमले से किसी के संबंध के बारे में पता नहीं चला है।
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