यहां गायों को लेकर किया जा रहा है एक अनोखा प्रयोग


इंटरनेशनल डेस्क। एम्सटर्डम. नीदरलैंड में गायों के लिए टॉयलेट बनाए जा रहे हैँ, ताकि देश में अमोनिया से होने वाला प्रदूषण कम किया जा सके। हालांकि, अभी यह प्रयोगिक स्तर पर ही है। इसके तहत डच वैज्ञानिक हेंक हेन्सकैंप ने गायों के लिए नई यूरिनल डिवाइस बनाई है।

खेती के क्षेत्र में नीदरलैंड का विश्व में दूसरा स्थान
हेंक के फार्म में इस डिवाइस की मदद से रोजाना 15 से 20 लीटर गाय की यूरिन एकत्रित की जा जाती है। उन्होंने एक परीक्षण में पाया था कि गाय की यूरिन से निकलने वाला अमोनिया पर्यावरण को प्रदूषित करता है। नीदरलैंड अमेरिका के बाद खेती में दूसरे स्थान पर है ऐसे में यहां मवेशियों की तादाद बहुत ज्यादा है। इनसे बड़ी मात्रा में अमोनिया उत्पन्न होती है। इस समस्या से पूरा देश जूझ रहा है। हेंक की बनाई डिवाइस खुले मैदान में यूरिन करने के बाद उत्पन्न अमोनिया की मात्रा को आधे से ज्यादा कम कर देती है।

हेंक ने कहा, यदि पर्याप्त साधन हों तो इस समस्या को आसानी से दूर किया जा सकता है।
यदि आप सिखाएं तो गाय भी टॉयलेट जाना सीख जाती हैं। गायों को टॉयलेट की आदत लगाना ठीक अडरली (दूध दोहने वाली डिवाइस) की तरह ही होता है। फिलहाल, इन टॉयलेट्स का परीक्षण पूर्वी डच शहर डोटिनचेम के पास एक फार्म में किया जा रहा है। यहां 58 में से सात गाय पहले ही टॉयलेट्स का इस्तेमाल करना सीख गई हैं। टॉयलेट बॉक्स गायों के पीछे पूंछ के पास रखा जाता है। गाय को यह आदत सिखानी होती है कि वे यूरिन टॉयलेट बॉक्स में ही करें।कंपनी का लक्ष्य है कि यह टॉयलेट्स बॉक्स 2020 तक बाजार में आ जाएं और देशभर में इसका इस्तेमाल किया जाने लगे। हेंस की कंपनी खेती से जुड़े दूसरे उपकरण भी बनाती है, जिनकी बाजार में काफी मांग है।

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Teaching cow toilets and new bovine urinal in Netherlands for environmental damage