नेशनल डेस्क,चेन्नई।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 29 नैनो सैटेलाइट्स लॉन्च किए। इनमें भारत का एमिसैट, 24 अमेरिका के, 2 लिथुआनिया के और 1-1 उपग्रह स्पेन और स्विट्जरलैंड के हैं। पहली बार इसरो का मिशन एकसाथ तीन कक्षाओं के लिए भेजा गया। यह लॉन्चिंग सुबह 9:27 बजे पीएसएलवी-सी45 रॉकेट की मदद से की गई। एमिसैट सैटेलाइट सीमा पर नजर रखने में मददगार होगा।
लॉन्च किए गए भारतीय उपग्रह एमिसैट का इस्तेमाल इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम को मापने के लिए किया जाएगा। इसके जरिए दुश्मन देशों के रडार सिस्टम पर नजर रखने के साथ ही उनकी लोकेशन का भी पता लगाया जा सकेगा। भेजे जा रहे उपग्रहों में एमिसैट का वजन 436 किलोग्राम और बाकी 28 उपग्रहों का कुल वजन 220 किलोग्राम है।
ISRO chairman K Sivan: #PSLVC45 is now marching towards the 485km orbit to do its function as an orbital platform for experiments. I want to thank the team members for making the mission a success. pic.twitter.com/wr5rxJwUVM
— ANI (@ANI) April 1, 2019
पूरा अभियान 180 मिनट का
पहले 17 मिनट पूरे होने पर पीएसएलवी ने 749 किलोमीटर की ऊंचाई पर एमिसैट को स्थापित किया। इसके बाद चौथे चरण में लगे सोलर पावर इंजन को चलाकर करीब 504 किलोमीटर की ऊंचाई पर लाया गया और यहां 28 विदेशी सैटेलाइट्स स्थापित किए गए। चौथे चरण में ही रॉकेट को 485 किलोमीटर ऊंचाई पर लाकर तीन प्रायोगिक पेलोड की मदद से चंद्रयान-2 अभियान से जुड़े कुछ खास प्रयोग किए जाने हैं।
Sriharikota: ISRO’s #PSLVC45 lifts off from Satish Dhawan Space Centre, carrying EMISAT & 28 customer satellites on board. #AndhraPradesh pic.twitter.com/AHlxb5YXnE
— ANI (@ANI) April 1, 2019
एमिसैट क्या करेगा?
एमिसैट को इसरो और डीआरडीओ ने मिलकर बनाया है। यह उपग्रह देश की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम है। इसका खास मकसद सीमा पर इलेक्ट्रॉनिक या किसी तरह की मानवीय गतिविधि पर नजर रखना है।
पीएसएलवी दुनिया का सबसे भरोसेमंद लॉन्च व्हीकल
इस बार पीएसएलवी-सी45 से 29 सैटेलाइट लॉन्च किए जाएंगे। पीएसएलवी की यह 47वीं उड़ान होगी। यह बेहद भरोसेमंद लॉन्च व्हीकल माना जाता है। जून 2017 अपनी 39वीं उड़ान के साथ पीएसएलवी दुनिया का सबसे भरोसेमंद सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल बना। 104 सैटेलाइट्स लॉन्च करने के लिए वैज्ञानिकों ने पीएसएलवी के पावरफुल एक्सएल वर्जन का इस्तेमाल किया था। 2008 में मिशन चंद्रयान और 2014 में मंगलयान भी इसी के जरिए पूरे हो पाए थे।
दो साल पहले इसरो ने रचा था इतिहास
15 फरवरी 2017 को इसरो ने एक साथ सबसे ज्यादा सैटेलाइट्स लॉन्च करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। 30 मिनट में एक रॉकेट के जरिए 7 देशों के 104 सैटेलाइट्स एक साथ लॉन्च किए थे। इससे पहले यह रिकॉर्ड रूस के नाम था। उसने 2014 में एक बार में 37 सैटेलाइट्स लॉन्च किए थे।
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