सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक और इंस्टाग्राम ने लगाया श्वेत राष्ट्रवाद पर प्रतिबंध


सैन फ्रांसिस्को. फेसबुक और इंस्टाग्राम ने श्वेत राष्ट्रवाद पर प्रतिबंध लगा दिया है। कंपनी ने अपनी ब्लाग पोस्ट में कहा कि प्रतिबंध अगले सप्ताह से लागू हो जाएगा। कंपनी का कहना है कि यह साबित हो चुका है कि इस तरह की अवधारणाएं घृणा को बढ़ावा देने का काम कर रही हैं। इस वजह से कंपनी इस तरह की हरकतों को अपने प्लेटफार्म पर अब जगह नहीं देगी।

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फेसबुक

100 से ज्यादा वैज्ञानिक, 6 महीने का काम.. ऐसे तैयार हुआ वो हथियार, जिससे 3 मिनट में भारत बर्बाद कर देगा दुश्मन का पूरा डिफेंस सिस्टम


नेशनल डेस्क. दुनिया के तीन ताकतवर देशों के बाद भारत चौथा ऐसा देश बन गया है जिसके पास अंतरिक्ष में लाइव सैटेलाइट मार गिराने की क्षमता है। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन के पास ये तकनीक थी। कल मोदी ने कहा था कि वैज्ञानिकों ने सिर्फ तीन मिनट में एंटी सैटेलाइट (A-SAT) मिसाइल के जरिए धरती से महज तीन सौ किलोमीटर की दूरी पर अंतरिक्ष में अपने द्वारा छोड़ा गया एक माइक्रो सैटेलाइट मार गिराया। ये सैटेलाइट LEO यानी ‘लो अर्थ आर्बिट’ में मौजूद था। मिशन पर डीआरडीओ के चेयरमैन जी. एस. रेड्डी का कहना है कि दो साल पहले ही प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ है, लेकिन पिछले 6 महीने में इसमें तेजी की गई।

100 से अधिक वैज्ञानिकों ने किया काम : जी.एस. रेड्डी ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि 6 महीने में 100 से अधिक वैज्ञानिकों ने दिन-रात एक कर दी। तब जाकर ये प्रोजेक्ट पूरा हुआ। इस दौरान लगातार एनएसए अजीत डोभाल को रिपोर्ट किया जा रहा था। अजीत डोभाल से पीएम मोदी लगातार जानकारी ले रहे थे।

क्या होता है लो अर्थ आर्बिट (LEO) :अंतरिक्ष में मौजूद सैटलाइट धरती की जिस सबसे निचली कक्षा में मौजूद होता है, तो उसे ‘लो अर्थ आर्बिट’ कहा जाता है। ‘लो आर्बिट अर्थ’ यानी धरती से सबसे कम दूरी की कक्षा और इस निचली कक्षा में मौजूद सैटेलाइट को ‘लो आर्बिट सैटेलाइट’ कहा जाता है। ये लो ऑर्बिट धरती से 160 किलोमीटर से लेकर 2000 किलोमीटर तक की दूरी पर होता है। बता दें कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भी लॉ आर्बिट में स्थापित किया गया है। धरती से इसकी दूरी 161 से 322 किमी है।

सैटलाइट को निशाना बनाना आसान नहीं :लो ऑर्बिट अर्थ में सैटेलाइट को निशाना बनाना आसान काम नहीं होता। क्योंकि इस निचली कक्षा में वेलोसिटी 27 हजार किलोमीटर प्रति घंटा होती है। इस वजह से ‘लो ऑर्बिट’ में मौजूद सैटेलाइट भी तेजी से मूव करता है। इस लिहाज से भी अंतरिक्ष में ‘लो ऑर्बिट’ सैटेलाइट को सिर्फ तीन मिनट में मार गिराना भारत के लिए वाकई सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। क्योंकि ऐसा पहले सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन कर चुके हैं।

पड़ोसी देशों की प्रतिक्रिया : अंतरिक्ष मेंमाइक्रो सैटेलाइट को मार गिराने परप्रतिक्रिया देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ‘हमने खबरें देखी हैं और उम्मीद करते हैं कि प्रत्येक देश बाहरी अंतरिक्ष में शांति बनाए रखेंगे।’
– वहीं पाकिस्तान ने कहा कि ‘अंतरिक्ष मानव की साझी विरासत है और हर देश की जिम्मेदारी है कि वह ऐसा कोई काम करने से बचे, जिससे इसका मिलिटराइजेशन हो।’

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A-SAT missile project began two years ago says DRDO Chairman

राहुल गांधी को रास्ते में मिला घायल पत्रकार, गाड़ी रोक उसे अपने साथ बैठाया और ले गए हॉस्पिटल



नेशनल डेस्क। कांग्रेस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने अपना काफिला रुकवाकर एक जख्मी पत्रकार की मदद की है। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक राहुल ने पत्रकार को खुद अपनी गाड़ी में बिठाकर उन्हें एम्स में भर्ती करवाया। पत्रकार राजेन्द्र व्यास हुमायूं रोड पर अपनी स्कूटी से जा रहे थे, तभी एक पीछे से आ रही कार ने उन्हें टक्कर मार दी और वो घायल हो गए। उसी वक्त हुमायूं रोड से राहुल गांधी का काफिला गुजर रहा था, राहुल गांधी ने घायल राजेंद्र व्यास को देखते ही अपना काफिला रोका और उनकी मदद की। राहुल गांधी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में वो पीछे वाली सीट पर घायल पत्रकार के साथ बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं और पत्रकार के माथे से निकलते हुए खून को पोछते हुए नजर आ रहे हैं।

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काम के 7 Tips : पुलिस चेकिंग कर रही है तो कभी ऑफिसर को टच न करें, न ही जल्दी में कोई स्टेटमेंट दें


फीचर डेस्क। पुलिस के अचानक रोकने पर लोग घबरा जाते हैं। पुलिस चेकिंग के दौरान अक्सर लोग बचने की कोशिश करते हैं। जबकि पुलिस तो हमारी ही सेफ्टी के लिए है, हमें पुलिस से डरने की कोई जरूरत नहीं। पुलिस अधिकारियों से इंटरेक्शन के दौरान कुछ ऐसी बातें हैं, जो आपको ध्यान रखना चाहिए। हाईकोर्ट एडवोकेट संजय
मेहरा
का कहना है कि इन्हें आप फॉलो करेंगे तो आपको पुलिस से डर लगना खत्म हो जाएगा। आज हम ऐसी ही कुछ कॉमन बातें बता रहे हैं, जो आपको पता होना चाहिए।

आपके बिहेवियर से ही पुलिस को अरेस्ट करने का रास्ता मिलता है…
– पुलिस से आप क्या कह रहे हैं, यह बहुत मायने रखता है। आप जो कह रहे हैं, उसे ही पुलिस आपके अगेंस्ट यूज कर आपको अरेस्ट कर सकती है। ऐसा अक्सर तब होता है, जब आप पुलिस से बहुत बहस करते हैं।

– आपके वाहन को पुलिस कभी भी रोके तो सबसे पहले अपना ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन दिखाएं। इसके बाद पुलिस आपका नाम पूछ सकती है, इसमें यदि आपकुछ बहस करते हैं पुलिस आपको अरेस्ट कर सकती है।

– पुलिस यदि आपके घर, कार को सर्च कर रही है तो उन्हें सर्चिंग की अनुमति देने से आप मना कर सकते हैं। क्योंकि इससे कोर्ट में आपको नुकसान हो सकता है। पुलिस यदि यह कह रही है कि उसके पास सर्च वॉरंट है तो उन्हें सर्च वॉरंट दिखाने का कहें।

किन बातों का ध्यान रखें…
– बोलने से पहले सोचें, मूवमेंट, बॉडी लैंग्वेज और इमोशंस पर ध्यान दें।
– पुलिस से कभी बहस न करें। ऐसा कुछ न कहें, जो आपके ही अगेंस्ट चला जाए।
– पुलिस आपकी चेकिंग कर रही है तो हाथों को ऊपर रखकर पूरा सहयोग करें। कभी भागें नहीं। पुलिस ऑफिसर को कभी टच न करें।
– आपको लगता है कि आप बेगुनाह हैं फिर भी फर्स्ट स्टेप में ही पुलिस का विरोध न करें। कम्पलेंट न करें। न ही घटना से जुड़ा कोई स्टेटमेंट दें।
– अरेस्ट होते हैं तो सबसे पहले अपने लॉयर को इंफॉर्म करें। ऑफिसर का बैज और पुलिस वाहन का नंबर नोट कर लें।
– कोई पीड़ित है तो उसका नाम और फोन नंबर ले लें। यदि आप चोटिल हुए हैं तो इंज्युरी की फोटो ले लें।
– यदि आपको लगता है कि आपके राइट का कहीं उल्लंघन हुआ है तो पुलिस डिपार्टमेंट में रिटन कम्पलेंट करें।

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Know how to deal with police

बुजुर्ग पंजाबी कपल ने किया बेहतरीन डांस, वायरल हो रहा वीडियो


नेशनल डेस्क। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. एक बुजुर्ग पंजाबी कपल ने लैम्बॉर्गिनी सॉन्ग पर शानदार डांस कियाबेटी गिताना सिंह ने वीडियो शेयर किया है। मां के जन्मदिन पर उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किया है।बता दें, इससे पहले भी उन्होंने लैम्बॉर्गिनी सॉन्ग पर ही परफॉर्म किया था। बेटी ने इस बार ये वीडियो शेयर कर लिखा कास मैसेज

ऊपर दिए वीडियो में देखें इनका ये डांस

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इन्फोसिस 989 करोड़ रु. में एबीएन एमरो बैंक की सब्सिडियरी स्टेटर में 75% शेयर खरीदेगी


बेंगलुरु. आईटी कंपनी इन्फोसिस 12.75 करोड़ यूरो (989 करोड़ रुपए) में एबीएन एमरो बैंक की सब्सिडियरी स्टेटर की 75% हिस्सेदारी खरीदेगी। दोनों कंपनियों के बीच एग्रीमेंट हो चुका है। इन्फोसिस ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। 1997 में बनी स्टेटर नीदरलैंड, बेल्जियम और जर्मनी में ऋण प्रबंधन सेवाएं मुहैया करवाती है।

जून तक डील पूरी होने की उम्मीद
इन्फोसिस का कहना है कि यूरोपियन महाद्वीप में मॉरगेज सर्विसिंग को मजबूत करने की रणनीति के तहत स्टेटर से डील का फैसला लिया गया। वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में इससे जुड़ा ट्रांजेक्शन पूरा होने की उम्मीद है।

इन्फोसिस के प्रेसिडेंट मोहित जोशी ने कहा कि इस पार्टनरशिप के जरिए क्लाइंट्स को डिजिटल प्लेटफॉर्म और इंडस्ट्री फोकस्ड सॉल्यूशंस मुहैया करवाने की हमारी कोशिशों को मजबूती मिलेगी। स्टेटर का मौजूदा प्रबंधन बना रहेगा।

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Infosys to acquire 75 pc stake in ABN AMRO Bank subsidiary Stater for rs 989 cr

सीनियर स्टूडेंट्स की पिटाई से हो गई जूनियर की मौत, मामला दबाने के लिए प्रबंधन ने डेड बॉडी को स्कूल में ही दफना दिया


नेशनल डेस्क (देहरादून). उत्‍तराखंड में एक छात्र की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है। ऋषिकेश के नजदीक स्थित एक स्‍कूल में सातवीं कक्षा के छात्र को उसके ही सीनियर छात्रों ने बेरहमी से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। हद तो तब हो गई, जब स्‍कूल प्रबंधन ने छात्र के शव को बिना उसके परिवार को सूचित किए, स्कूल के कैंपस में ही दफन कर दिया। ये घटना 10 मार्च को देहरादून के एक बोर्डिंग स्कूल की है। पुलिस के मुताबिक, छात्र की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कई गंभीर चोट की बात सामने आई, जिनकी वजह से उसकी मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने बुधवार को दो सीनियर छात्रों और स्कूल के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है।

छात्र को बैट और स्टंप से पीटा गया

– पुलिस के मुताबिक, हत्या का आरोप 12वीं में पढ़ने वाले दो छात्रों पर है। उन्होंने बिस्किट चुराने के शक में 7वीं क्लास के वासु यादव को क्लास रूम में स्टंप और बैट से पीटा और उसे वहीं छोड़कर चले गए थे। इसके बाद छात्र जख्मी हालत में तब तक वहीं पड़ा रहा, जब तक हॉस्टल के वॉर्डन की नजर उस पर नहीं पड़ी।अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

स्कूल प्रबंधन पर मामला दबाने का आरोप

– छात्र के परिजन यूपी के हापुड़ में रहते हैं। उनका आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने मौत के मामला दबाने की पूरी कोशिश की। पोस्टमॉर्टम के बगैर ही स्कूल कैंपस में शव को दफना दिया। पुलिस ने हत्या की धाराओं में केस दर्ज करने के साथ ही हॉस्टल मैनेजर, वॉर्डन और स्पोर्ट्स टीचर पर सबूत मिटाने की धाराएं लगाई हैं।
– एसएसपी निवेदिता कुकरेती के मुताबिक, इस मामले में साफ तौर पर स्कूल प्रबंधन की चूक सामने आई है। छात्र को समय पर अस्पताल नहीं ले जाया गया और पुलिस को सूचना दिए बगैर ही मामला छिपाने के लिए शव दफना दिया।

स्कूल ने परिजन को गुमराह किया

– स्कूल प्रबंधन ने बच्चे के परिजनों को भी गुमराह किया। उन्हें सूचना दी गई थी कि फूड प्वॉइजनिंग के चलते उनके बेटे की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था।उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की चैयरपर्सन ऊषा नेगी ने बताया कि ये घटना 10 मार्च की है और हमें 11 मार्च को मौत की सूचना मिली थी।

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Students Kill 12 year boy Over Biscuits School Buries Him in Campus to ‘Hush up’ Murder


Students Kill 12 year boy Over Biscuits School Buries Him in Campus to ‘Hush up’ Murder

आप भी ट्रेन में करते हैं सफर तो जान लीजिए इन 10 कोड के बारे में, फिर आपको पता चल जाएंगी वो बातें जो रेलवे खुद नहीं बताता, यात्रा से जुड़ी पूरी डिटेल पहले ही पता चल जाएगी


फीचर डेस्क। जब भी कोई यात्री ट्रेन की टिकट बुक करता है, तो रेलवे एक नंबर के जरिए उसकी डिटेल मेंटेन करता है, इस नंबर को पीएनआर कहा जाता है। बल्क बुकिंग के केस में एक ही पीएनआर (छ पैसेंजर्स) के लिए जारी किया जाता है। पीएनआर ऐसा नंबर होता है, जिसमें यात्री की यात्रा से जुड़ी पूरी डिटेल छुपी होती है।
टिकट कंफर्म हुआ है या नहीं, वेटिंग लिस्ट में नाम है या आरएसी आदि डिटेल भी इसमें होती हैं। इसके अलावा बेसिक डिटेल जैसे ट्रेन के आने-जाने का समय, कोच, सीट नंबर, किराया आदि डिटेल भी इसमें होती हैं। पीएनआर के अलावा ऐसे कई कोड भी होते हैं, जो रेलवे द्वारा इस्तेमाल किए जाते हैं। यह पीएनआर स्टेट्स
के साथ ही सीट अवेलिबिलिटी के बारे में बताते हैं। जानिए इन कोड्स के बारे में।

1. RAC

रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन (RAC) में दो पैसेंजर को एक ही बर्थ पर यात्रा करने की अनुमति दी जाती है। जिन यात्रियों का टिकट कंफर्म होता है, और वह यात्रा नहीं करते तो उनकी बर्थ आरएसी के तौर पर दूसरे यात्रियों को अलॉट की जाती है।

2. CNF
इसका मतलब है कि सीट कंफर्म है और चार्टिंग के बाद अलॉट की जाएगी।

3. CAN
इसका मतलब है पैसेंजर सीट रद्द कर दी गई है।

4. WL
इसका मतलब है कि पैसेंजर का नाम वेटिंग लिस्ट में है और वह यात्रा के लिए नहीं कर सकता। ट्रेन के डिपार्चर के 30 मिनट पहले तक वेटिंग लिस्ट वाला पैसेंजर टिकट कैंसिल करवा सकता है। वेटिंग टिकट कंफर्म नहीं होती तो ऑटोमेटिक कैंसिल हो जाती है।

5.GNWL
यह जनरल वेटलिस्ट (प्रतीक्षा सूची) टिकट होती है, जो किसी पैसेंजर के कंफर्म टिकट कैंसिल करवाने पर कंफर्म हो जाती है।

6.TQWL
यह तत्काल वेटलिस्ट होती है। तत्काल बुकिंग करने पर यदि नाम वेटलिस्ट में आता है, तो यह स्टेट्स TQWL दिखाता है। इसके कंफर्म होने के चांस काफी कम होते हैं।

7.PQWL
यह अंडर पूल्ड कोटा वेटलिस्ट होती है। जो जनरल वेटलिस्ट से अलग तैयार होती है। इसमें ऐसे पैसेंजर्स की डिटेल होती है, जो इंटरमीडिएट स्टेशंस के बीच यात्रा कर रहे होते हैं।

8.RLWL

यह रिमोट लोकेशन वेटलिस्ट होती है, जिसके कंफर्म होने के हाई चांस होते हैं। छोटे स्टेशंस का सीट्स का कोटा होता है और इन इंटरमीडिएट स्टेशंस पर वेटिंग सीट्स को RLWL स्टेट्स दिया जाता है।

9. NR
NR का मतलब होता है ‘No Room’। टिकट के साथ अन्य किसी तरह की बुकिंग अलाउ नहीं की जाती।

10. NOSB
12 साल से कम उम्र के बच्चों से चाइल्ड फेयर लिया जाता है लेकिन उन्हें सीट अलॉट नहीं की जाती। ऐसे में पीएनआर स्टेट्स NOSB शो करता है यानी ‘नो सीट बर्थ’।

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Indian Railway important codes

बिस्किट चोरी के शक में पीटा, 12 साल के छात्र की मौत; 2 सीनियर्स समेत 5 गिरफ्तार


देहरादून.उत्तराखंड में दो सीरियर छात्रों ने कथित तौर बिस्कट चोरी करनेपर 12 साल के जूनियर को पीट-पीटकर मार डाला। घटना 10 मार्च को देहरादून के एक बोर्डिंग स्कूल की है। पुलिस के मुताबिक, छात्र की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कई गंभीर चोट की बात सामने आई, जिनकी वजह से उसकी मौत हो गई। इस मामले में बुधवार को दो सीनियर छात्र और स्कूल के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है।

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प्रतीकात्मक फोटो।

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में महिलाओं के साथ हो रहा है घिनौना काम, पाकिस्तान के अखबार ने ही खोल दी पोल


इंटरनेशनल डेस्क, इस्लामाबाद पाकिस्तान के एक प्रमुख अखबार ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में मौजूद राहत शिविरों और सामुदायिक बंकरों में महिलाओं के यौन शोषण को लेकर खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसी घटनाएं 2005 में आए भूकंप के बाद से जारी हैं। इस दौरान न सिर्फ कई महिलाओं का अपहरण हुआ, बल्कि उनका यौन शोषण भी किया गया। अब महिलाएं इन स्थानों पर जाने के बजाए किसी सुरक्षित स्थान पर जाना चाहती हैं।

सामुदायिक बंकरों में शरण लेने से हिचकती हैं महिलाएं
– पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट में बताया गया कि शिविरों और बंकरों में महिलाओं के साथ जो कुछ हुआ, उसकी कहानियां पूरे कश्मीर में जानी जाती हैं। यही कारण है कि वे अब सरकार के अस्थाई शिविरों में जाने के बजाए बारा काहू (इस्लामाबाद) जाना चाहती हैं। कुछ ही परिवार हैं, जो ऐसा करने में सफल हो पाते हैं।

– राहत एजेंसियों ने 1990 में सामुदायिक बंकरों को बनाया। यह 13 बाय 7 फीट का ऐसा स्थान होता है, जहां गोलीबारी के दौरान 20 से 30 लोगों को एक साथ रखा जाता है। इस उम्मीद में कि मोर्टार से उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। मगर अब यहां महिलाओं का यौन शोषण होता है। सीमा पर रहने वाली महिलाओं को गोलीबारी का सामना करना पड़ता है।

– इन मामलों की कभी कोई शिकायत नहीं की गई। पीओके में स्थित नीलम घाटी की एक अज्ञात महिला ने बताया कि 1990 में जब वह किशोरी थी, तब उसने महिलाओं के यौन शोषण की बात कही थी। रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं से इतने खराब लहजे में बात की जाती थी, जो दुष्कर्म से कम नहीं लगती थी।

– महिलाएं इस तरह की बातों को नजरअंदाज करती थीं। लेकिन स्थानीय लोगों या सैनिकों द्वारा किशोरियों के साथ किए गए यौन शोषण पर कई बार समाज भी ध्यान नहीं देता था। ऐसे में पीड़िता जीवनभर दुविधा में होती थी।

– पीड़िता के परिजन कहते थे कि समाज को इस बारे में पता चला तो इनसे शादी कौन करेगा?

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Kashmiri women reveal about s*exual exploitation in bunkers in PoK by Pakistan Army: Dainik Bhaskar latest news in Hindi