इंटरनेशनल डेस्क,फिलाडेल्फिया, यूएस। डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने और कैश खत्म करने के लिए दुनियाभर में कोशिशें तेज हो रही हैं, वहीं अमेरिका में इसके उलट हो रहा है। फिलाडेल्फिया अमेरिका का पहला ऐसा शहर होगा, जहां दुकानदार नकदी लेने से इनकार नहीं कर सकेंगे।
मेयर ने कैशलेस बिजनेस बिल पर साइन किए
– फिलाडेल्फिया में ऐसा कानून बनाया गया है, जिसके तहत नकदी लेने से मना करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। इस कानून में ऐसी दुकानों को बंद किए जाने तक का भी प्रावधान है। शहर के मेयर जिम केनी ने पिछले हफ्ते कैशलेस बिजनेस बिल पर हस्ताक्षर किए।
– नए बिल के अनुसार कारोबारियों को डिजिटल ट्रांजेक्शन के साथ-साथ कैश भी अनिवार्य रूप से लेना होगा। 1 जुलाई से यह कानून लागू हो जाएगा। जो कारोबारी नकदी लेने से इनकार करेगा, उस पर 2000 डॉलर यानी करीब डेढ़ लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।
– अमेरिका के छठे सबसे बड़े शहर फिलाडेल्फिया में ज्यादातर दुकादारों ने नकदी लेन-देन से इनकार कर दिया था। कई दुकानदारों ने तो स्टोर के बाहर बोर्ड तक लगवा रखे थे कि वे नकद नहीं लेंगे। दुकानदारों का कहना है कि नकद लेन-देन से चोरी का खतरा बना रहता है और भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलता है।
– फिलाडेल्फिया शहर के काउंसलर बिल ग्रीनली का कहना है कि नया कानून बिलकुल वैसा ही है कि मैं कैशलेस होकर सिटी हॉल में एक कप कॉफी पीने के लिए जाता हूं और मुझे कॉफी मिल जाती है जबकि मेरे पीछे दूसरा शख्स, जो नकद लेकर चलता है, उसे कॉफी नहीं मिल सकती। यह किस तरह का न्याय होगा?
– जब न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन और न्यूजर्सी में नकदी लेने से इनकार करने के मामले सामने आए तो वहां भी प्रशासन ने कैश-फ्री विकल्प पर पाबंदी लगाने के लिए इसी तरह का कानून लाने की तैयारी कर ली है।
डिजिटल लेन-देन में अमेरिका 5वें, भारत 28वें नंबर पर
इकॉनामिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट ने हाल में 74 देशों में डिजिटल लेनदेन को लेकर एक सर्वे करवाया था। इसमें कनाडा पहले स्थान पर है जबकि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका का क्रम पांचवां है। स्वीडन दूसरे, ब्रिटेन तीसरे और फ्रांस चौथे स्थान पर है। इस मामले में भारत का स्थान 28वां है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
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