30 घंटे में कन्हैया कुमार ने जुटाए 30 लाख रुपये


पटना (पंकज कुमार सिंह). एक रुपये और एक वोट का चुनावी फंड जमा करने का वामपंथी फॉमूला अब बदल गया है। वामपंथी नेता हाइटेक हो गए हैं। कामरेड अब लोगों से ऑनलाइन सहायता राशि ले रहे हैं। बेगूसराय में भाकपा से चुनाव मैदान में उतरे कन्हैया कुमार आवर डेमोक्रेसी डॉट इन पर चुनावी खर्च जुटाने के लिए कैंपेन कर रहे हैं। 33 दिनों में 70 लाख रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है,लेकिन30 घंटे में ही 2300 लोगों ने कन्हैया को लगभग 30 लाख रुपये चंदा दे दिया।

बिहार में किसी भी पार्टी द्वारा इस प्रकार का चुनावी फंड जमा करने का यह पहला प्रयोग है। क्राउड फंडिंग में कन्हैया को सबसे अधिक राशि दिल्ली के महेश्वर पेरी ने 5 लाख रुपये दी है। बेगूसराय का चुनाव चौथे चरण में 29 अप्रैल को है। कन्हैया ने तीन मिनट का वीडियो क्लिप जारी किया है। इसमें कहा है- मै बेगूसराय से चुनाव लड़ रहा हूं। चुनाव के लिए मुझे आपसे सहयोग चाहिए।

प्रचार में आएंगे कई दिग्गज

भाकपा नेता बताते हैं कि कन्हैया की जीत सुनिश्चित करने के लिए देश भर के विभिन्न क्षेत्रों के लोग प्रचार करने आएंगे। इसमें फिल्मी कलाकारों से लेकर एक्टिविस्ट और राजनेता शामिल रहेंगे। दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और हार्दिक पटेल के भी आने की संभावना है।

बेगूसराय में वर्षों बाद लहराएगा लाल झंडा

भाकपा के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह का दावा है कि कन्हैया को बेगूसराय में हर वर्ग का समर्थन है। जीत निश्चित है। गरीबों, युवाओं और आम लोगों के मुद्दों को वह उठा रहा है। भाकपा नेता के अनुसार बेगूसराय लगभग सभी गांवों में कन्हैया ने दौरा पूरा कर लिया है। वह पिछले एक साल से बेगूसराय में कैंप कर लोगों से जनसंपर्क कर लोगों की समस्या को समझ रहा है।

महागठबंधन के निर्णय से आहत है भाकपा

भाकपा की उम्मीदों पर तब पानी फिर गया, जब एक मात्र बेगूसराय सीट भी महागठबंधन छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुआ। भाकपा ने तो दो साल पहले ही कन्हैया को बेगूसराय लोकसभा सीट का उम्मीदवार घोषित कर दिया था। भाजपा और एनडीए को चुनाव में शिकस्त देने के लिए भाकपा लगातार प्रयास कर रही थी कि विपक्षी दलों का व्यापक गठबंधन बने। भाकपा नेताओं की इस मामले पर महागठबंधन के दलों के नेताओं से बात भी हुई, लेकिन बात बनी नहीं।

क्या है क्राउडफंडिंग

किसी भी कार्य के लिए लोगों से धन जमा कराने का नया तरीका है क्राउडफंडिंग। अपने देश में किसी सार्वजनिक आयोजन के लिए चंदे का चलन विदेशों में क्राउड फंडिंग के रूप में प्रचलित हुआ। जबकि क्राउड फंडिंग का क्षेत्र व्यापक है। इसमें धार्मिक कार्यों के साथ ही सार्वजनिक कार्य या व्यावसायिक कार्य, पुल बनाना, मोहल्ले की सफाई, सड़क बनाने आदि के लिए राशि ली जाती है।

भाजपा का आईटी सेल मेरे साइट को हैक करने की कोशिश कर रहा है। लगातार परेशान किया जा रहा है। इसके बावजूद बेगूसराय ही नहीं, देश भर में संविधान और लोकतंत्र में भरोसा रखने वाले लोग हमारे साथ हैं। – कन्हैया कुमार।

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Kanhaiya Kumar Collected 30 lakh rupees in 30 hours

जैसलमेर में वाॅट्सएप ग्रुपों में पाकिस्तानी नंबर से हो रही वीडियो कॉलिंग


जैसलमेर (विमल शर्मा/चंद्रप्रकाश पुरोहित).सरहदी जैसलमेर जिले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने नजरें गड़ा दी है। पिछले कुछ सालों में दर्जनों जासूस पकड़े जा चुके हैं। अभी भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी बाज नहीं आ रही है और लगातार युवाओं को रिझाने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रही है।

हाल ही में खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली है कि नाचना में कई वाट्सअप ग्रुपों से पाकिस्तान में वीडियो कॉलिंग हो रही है। इतना ही नहीं कई ग्रुपों में पाकिस्तानी सदस्य भी शामिल है। भास्कर ने इस मामले की पड़ताल की तो चौंकाने वाली स्थिति सामने आई। इस पड़ताल में ब्रेकिंग न्यूज नाम से एक ग्रुप का संचालन देखा गया। ग्रुप एडमिन तो नाचना के ही है। उसमें पाकिस्तानी नागरिक भी शामिल है। इसके अलावा पाकिस्तानी नंबर से आए फोन का भी स्क्रीन शॉट है। इस मामले में सबसे बड़ी समस्या पाकिस्तानी मोबाइल कंपनियों का भारतीय सीमा में नेटवर्क आना है। स्थानीय युवाओं को झांसे में लेने के बाद उन्हें पाकिस्तान की लोकल सिमें मुहैया करवा दी जाती है और वे लोग नेटवर्क आने वाले स्थान पर जाकर उन सिमों से पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से संपर्क में रहते हैं।

एजेंसियों के पास 6-7 ग्रुपों की जानकारी
इस पड़ताल में सामने आया कि खुफिया एजेंसियों के पास भी ऐसे वाट्सअप ग्रुपों की जानकारी है। सूत्रों के अनुसार करीब 6-7 ग्रुप ऐसे हैं, जिनमें पाकिस्तानी सदस्य जुड़े हुए हैं और उनके माध्यम से वीडियो कॉलिंग भी हो रही है। इन ग्रुपों की जानकारी खुफिया एजेंसियों के पास है और उन पर नजर रखी जा रही है।

विशेष वर्ग के युवा सॉफ्ट टारगेट
भास्कर पड़ताल में सामने आया कि पाकिस्तान एजेंट खासतौर पर वर्ग विशेष के युवाओं को टारगेट बनाते हैं। ये युवा आसानी से उनके झांसे में आ रहे हैं और भारतीय सामरिक सूचनाएं उन तक पहुंचाना शुरू कर देते हैं। पूर्व में ऐसे कई केस सामने आ चुके हैं।

पकड़े जा चुके हैं कई जासूस

  • 2002 में रमजान पुत्र भाई खां व नूरे खां पुत्र भाई खां पकड़े गए।
  • 2006 में बीकानेर में लाठी निवासी नूरे खां को पकड़ा था।
  • 2013 में मौलवी अलाबक्श, माजिद खां व गुलाम रसूल जासूसी के आरोप में पकड़े गए थे।
  • 2014 में पाक जासूस सुमार खां खुफिया एजेंसियों के हत्थे चढ़ा।

^पुलिस के पास जब भी इस तरह की सूचना आती है तो तत्काल कार्रवाई की जाती है। यदि इस तरह के वाट्सग्रुप संचालित हो रहे हैं तो तुरंत जांच करवाई जाएगी। – डॉ. किरण कंग, एसपी, जैसलमेर

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Video calling from Pakistan’s number in Whatsapp group in Jaisalmer


Video calling from Pakistan’s number in Whatsapp group in Jaisalmer

पुलिस का ऑफर- आतंकी पकड़वाओ, नाैकरी पाओ


जम्मू.जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सात वांटेड आतंकियाें के पाेस्टर जारी कर पकड़वाने वाले काे सरकारी नाैकरी औरलाखाें रुपए नकद इनाम में देने की घाेषणा की है। किश्तवाड़ में पुलिस ने साताें आतंकियाें के फाेटाे और ब्याेरे वाले बैनर लगवाए हैं।

किश्तवाड़ एसएसपी शक्ति पठान ने बताया कि इनमें से छह आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन के औरएक लश्कर का है। आतंकियाें के नाम मुहम्मद अमीन उर्फ जहांगीर सरूरी, रियाज अहमद उर्फ हजारी, उस्मान उर्फ ओसामा, लमुदस्सिर हुसैन, तालिब हुसैन गुज्जर, जमालदीन औरजुनैद अकरम हैं।

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J & K Police will give job On helping to arrest terrorist

फेसबुक पर राजनीतिक विज्ञापन 8 करोड़ रु तक पहुंचे, भाजपा समर्थक सबसे आगे


नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव अभियानों के चलते फेसबुक पर राजनीतिक विज्ञापन 8.38 करोड़ रुपए तक पहुंच गए हैं। फेसबुक पर विज्ञापन देने के मामले में भाजपा और उसके समर्थक सबसे आगे हैं। फरवरी से 16 मार्च 2019 तक फेसबुक पर 6.88 करोड़ रुपए के 34,048 राजनीतिक विज्ञापन थे।

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Political ad spend on Facebook rises to over Rs 8 cr; BJP supporters way ahead of others

पाक ने हमले में जैश का हाथ होने के भारत से और सबूत मांगे


इस्लामाबाद. पाकिस्तान ने भारत से पुलवामा हमले में जैश का हाथ होने के और सबूत मांगे हैं। इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त से इस बात के भी सबूत मांगे गए कि पाकिस्तान में जैश के आतंकी कैंप हैं। पाकिस्तान ने कहा कि हमने प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए भारत से और ज्यादा जानकारियां मांगी हैं।

27 फरवरी को भारत ने सौंपा था डॉजियर
भारतीय उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय के सचिव ने बुलाया था। विदेश मंत्रालय ने बताया कि उच्चायुक्त को पुलवामा हमले के संबंध में शुरुआती जांच की जानकारियां बताई गईं। यह जानकारियां भारत की फाइल के परीक्षण के बाद सौंपी गईं। भारत ने दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायुक्त को 27 फरवरी को पुलवामा हमले के संबंध में डॉजियर सौंपा था। भारत ने पाकिस्तान को हमले के पीछे जैश का हाथ होने के बारे में पुख्ता जानकारियां दी थीं। इसके अलावा भारत ने बताया था कि पाक में जैश के कैंप और उनके लीडरों के होने के भी सबूत सौंपे थे।

आईएसआई ने मसूद को सेफ जोन में छिपाया- सूत्र
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, पुलवामा में फिदायीन हमले के बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने जैश-ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को ‘सेफ जोन’ में छिपा दिया था। अजहर को 17-18 फरवरी यानी पुलवामा हमले के बाद रावलपिंडी से बहावलपुर के नजदीक कोटघानी भेजा गया था। आईएसआई ने उसकी सुरक्षा भी बढ़ा दी है। बताया जा रहा है कि पुलवामा में जब हमला हुआ उस वक्त अजहर रावलपिंडी में सेना के अस्पताल में भर्ती था।

पाक में मसूद के जमात-उद-दावा पर शिकंजा कसा
पुलवामा हमले और भारत की एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा था। इसके बाद पाक सरकार ने मात-उद-दावा और फला-ए-इंसानियत के मुख्यालय को अपने नियंत्रण में ले लिया था। प्रतिबंधित संगठनों के 100 से ज्यादा लोग हिरासत में लिए गए थे और 182 मदरसों को सरकारी नियंत्रण में ले लिया गया था।

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Pak seeks more evidence from India on JeM involvement in Pulwama attack

मोदी का संबोधन कहीं आचार संहिता का उल्लंघन तो नहीं, चुनाव आयोग जांच करेगा


नई दिल्ली. चुनाव आयोग ने मिशन शक्ति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन के मामले को संज्ञान में लिया है। आयोग ने एक समिति का गठन किया है। समित जांच करेगी कि कहीं मोदी का संबोधन आचार संहिता का उल्लंघन तो नहीं है।

मोदी ने कहा- सिर्फ तीन मिनट में पूरा किया मिशन शक्ति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, ‘‘वैज्ञानिकों ने लो अर्थ ऑर्बिट में 300 किलोमीटर दूर एक लाइव सैटेलाइट मार गिराया। यह ऑपरेशन ‘मिशन शक्ति’ भारत की एंटी सैटैलाइट मिसाइल ए-सैट के जरिए सिर्फ तीन मिनट में पूरा किया गया।’’

विपक्षी दलों ने लगाया आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा चीफ अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने मोदी पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया। सीपीएम ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत की।

राहुल का तंज- मोदीजी को वर्ल्ड थिएटर डे की बधाई
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मिशन शक्ति की सफलता पर डीआरडीओ की तारीफ की। हालांकि, उन्होंने मोदी पर तंज कसा। राहुल ने ट्वीट किया, “वेल डन डीआरडीओ, आपकी इस उपलब्धि पर हमें बहुत गर्व है। मैं प्रधानमंत्री को वर्ल्ड थिएटर डे की बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं।”

माया ने कहा- आयोग संज्ञान ले, ममता बोलीं- मोदी को क्रेडिट लेने की क्या जरूरत थी
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट किया था, “भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों द्वारा अंतरिक्ष में सैटेलाइट मार गिराए जाने का सफल परीक्षण करके देश का सर ऊंचा करने के लिए अनेकों बधाई। लेकिन इसकी आड़ में मोदी द्वारा चुनावी लाभ के लिए राजनीति करना अति-निन्दनीय है। चुनाव आयोग को इस पर सख्त संज्ञान अवश्य लेना चाहिए।”

प बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ”यह राजनीतिक ऐलान था, वैज्ञानिकों को यह घोषणा करनी थी। यह उनका क्रेडिट है। मोदी के लिए क्या जरूरत थी कि वे चुनाव के समय आचार संहिता का उल्लंघन करके क्रेडिट लें। क्या उन्होंने मिशन में काम किया? क्या वे अंतरिक्ष गए थे? हम इसकी शिकायत चुनाव आयोग से करेंगे।”

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन शक्ति पर राष्ट्र के नाम संदेश दिया।

कश्मीर को भारत से अलग राष्ट्र बताने के मामले पर फेसबुक ने मांगी माफी


नई दिल्ली.फेसबुक के सायबर सिक्युरिटी पॉलिसी प्रमुख नैथनियल ग्लेचर ने बुधवार को एक ब्लॉग पोस्ट किया। इसमें उन्होंने कश्मीर को भारत से अलग एक स्वतंत्र राष्ट्र बताया, जो कि भारत की अखंडता का हनन है। आपत्ति के बादब्लॉग से इस संदर्भ को हटाया गया। फेसबुक ने कहा कि कश्मीर को लेकर हुईगलतफहमी को लेकर हम माफी चाहते हैं।

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प्रतीकात्मक फोटो।

भारत ने अंतरिक्ष में सैटेलाइट मार गिराने की ताकत हासिल की, ऐसा करने वाला चौथा देश बना: मोदी


नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत ने अपना नाम अंतरिक्ष इतिहास में दर्ज करा लिया है। भारतने तीन मिनट में अंतरिक्ष मेंलो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) मेंसैटेलाइट को मार गिराया। यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश है।लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के बादयह पहला मौका था, जब मोदी ने देश को संबोधित किया। 8 नवंबर 2016 को मोदी ने अचानक देश को संबोधित कर नोटबंदी का ऐलान किया था।

‘अब तक 3 देशों को यह उपलब्धि हासिल थी’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज 27 मार्च, कुछ ही समय पूर्व भारत ने एक अभूतपूर्व सिद्धिहासिल की है। भारत ने आज अपना नाम अंतरिक्ष महाशक्तियानी स्पेस पावर के रूप में दर्ज करा दिया है। अब तक दुनिया के तीन देश- अमेरिका, रूस और चीन को यह उपलब्धि हासिल थी। अब भारत चौथा देश है, जिसने आज यह सिद्धी प्राप्त की है। हर हिंदुस्तानी के लिए इससे बड़े गर्व का पल नहीं हो सकता। कुछ ही समय पूर्व हमारे वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में 300 किलोमीटर दूर एलईओमें एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘लो ऑर्बिट में यह लाइव सैटेलाइट, जो कि एक पूर्व निर्धारित लक्ष्य था, उसे एंटी सैटेलाइट मिसाइल द्वारा मार गिराया गया है। सिर्फ तीन मिनट में सफलतापूर्वक यह ऑपरेशन पूरा किया गया है। मिशन शक्ति यह अत्यंत कठिन ऑपरेशन था, जिसने बहुत ही उच्च कोटि की तकनीकी क्षमता की आवश्यकता थी। वैज्ञानिकों द्वारा सभी निर्धारित लक्ष्य और उद्देश्य प्राप्त कर लिए गए हैं। हम सभी भारतीयों के लिए यह गर्व की बात है कि यह पराक्रम भारत में ही विकसित एंटी सैटेलाइट ए-सैट मिसाइल द्वारा विकसित किया गया है।’’

‘सभी को उपग्रहों का लाभ मिल रहा’
मोदी ने कहा, ‘‘मैं मिशन शक्ति से जुड़े सभी वैज्ञानिकों, डीआरडीओ के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, जिन्होंने इस आसाधारण सफलता को प्राप्त करने में योगदान दिया। हमें हमारे वैज्ञानिकों पर गर्व है। अंतरिक्ष आज हमारी जीवनशैली का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। आज हमारे पास पर्याप्त संख्या में उपग्रह उपलब्ध हैं जो अलग-अलग क्षेत्रों में अपना योगदान दे रहे हैं, जैसे- कृषि, रक्षा, आपदा प्रबंधन, टीवी, एंटरटेनमेंट, मौसम की जानकारी, नेविगेशन, शिक्षा, मेडिकल। हमारे उपग्रहों का लाभ सभी को मिल रहा है।’’

‘हमारी क्षमता किसी के विरुद्ध नहीं’
उन्होंने कहा, ‘‘विश्व में स्पेस और सैटेलाइट का महत्व बढ़ता जाने वाला है, शायद जीवन इसके बिना अधूरा हो जाएगा। ऐसी स्थिति में इन सभी उपकरणों की सुरक्षा पुख्ता करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। आज की एंटी सैटेलाइट ए-सैट मिसाइल भारत की सुरक्षा की दृष्टि से और भारत की विकास यात्रा की दृष्टि से देश को एक नई मजबूती देगी। आज मैं विश्व समुदाय को भी आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमने जो यह नई क्षमता हासिल की है, वह किसी के विरुद्ध नहीं है। यह तेज गति से आगे बढ़ रहे देश की सुरक्षात्मक पहल है। भारत अंतरिक्ष में हथियारों की होड़ के विरुद्ध रहा है। इससे इस नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। आज का यह परीक्षण किसी भी तरह के अंतरराष्ट्रीय कानून अथवा संधि-समझौतों का उल्लंघन नहीं करता। हम आधुनिक तकनीक का उपयोग देश के 130 करोड़ नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण करने के लिए करना चाहते हैं।’’

‘भारत का मकसद आंतरिक विकास और प्रगति’
मोदी ने कहा, ‘‘इस क्षेत्र में शांति-सुरक्षा के लिए मजबूत भारत आवश्यक है। भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में जो काम किया है, उसका मूल उद्देश्य भारत की सुरक्षा, भारत का आंतरिक विकास और प्रगति है। आज का यह मिशन शक्ति इन सपनों को सुरक्षित करने की ओर एक अहम कदम है, जो इन तीनों स्तंभों की सुरक्षा के लिए आवश्यक था। आज की सफलता को आने वाले समय में एक सुरक्षित राष्ट्र, एक समृद्ध राष्ट्र और शांतिपूर्ण राष्ट्र की ओर बढ़ते कदम की तरह देखना चाहिए।’’

‘आधुनिक तकनीक को अपनाना ही होगा’
प्रधानमंत्री के मुताबिक, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि हम आगे बढ़ें और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहें। हमें अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आधुनिक तकनीक को अपनाना ही होगा। सभी देशवासी सुरक्षित महसूस करें, यही हमारा लक्ष्य है। मुझे अपने लोगों की कर्मठता, प्रतिबद्धता और समर्पण पर पूर्ण विश्वास है। हम एकजुट होकर शक्तिशाली, विशाल और समृद्ध भारत का निर्माण करें। मैं ऐसे भारत की कल्पना करता हूं जो अपने समय से दो कदम आगे की सोच सके और चलने की हिम्मत जुटा सके।’’

‘‘सभी देशवासियों को आज की इस महान उपलब्धि के लिए बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं। इसे करने वालों का अभिनदंन करता हूं। भारत माता की जय।’’

इस तरह हुआ एंटी सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण
भारत के पास त्रिस्तरीय बीएमडी इंटरसेप्टर मिसाइल राडार है। यह लक्ष्य की पहचान कर सैटेलाइट के मूवमेंट का पता लगाता है। लक्ष्य की पहचान के बाद मिसाइल लॉन्च की जाती है। जमीन पर स्थित राडार मिसाइल को लक्ष्य तक ले जाते हैं। इसके बाद मिसाइल पर लगी हीट शील्ड हट जाती है। मिसाइल आने वाले सैटेलाइट पर निशाना साध लेती है। इसके बाद मिसाइल इस सैटेलाइट को नष्ट कर देती है।

रूस ने 1950 के दशक में पहला टेस्ट किया था
रूस (उस समय सोवियत यूनियन) ने भी 1950 के दशक से ही एंटी सैटेलाइट मिशन पर काम करना शुरू कर दिया था। 70 के दशक में उसने एंटी सेटेलाइट मिसाइल लॉन्चिंग शुरू की। पहली सफलता 1 नवंबर 1968 को मिली, जब उसने ऑर्बिट में एक सैटलाइट को अपनी मिसाइल से नष्ट किया।

अमेरिका को 1985 में पहली कामयाबी मिली
अमेरिका ने 1950 के दशक में एंटी सैटेलाइट मिसाइल विकसित करना शुरू की थी। 26 मई 1958 से 13 अक्टूबर 1959 के बीच अंतरिक्ष में सैटेलाइट को मार गिराने के 12 टेस्ट किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिली। 70 के दशक तक ऐसी कोशिशें होती रहीं। इस मिशन में पहली सफलता अमेरिका को 13 सितंबर 1985 को मिली, जब 11,613 मील की ऊंचाई से एफ-15 ने मिसाइल लॉन्च की और पृथ्वी से 555 किमी ऊपर सैटेलाइट पी 78-1 को मार गिराया।

चीन के पास 2007 से यह तकनीक
चीन ने 2007 में एंटी सैटेलाइट मिशन में सफलता हासिल की। 11 जनवरी, 2017 को उसने स्पेस में 865 किमी की ऊंचाई पर फेंग्यान सीरीज के अपने एक वेदर सैटेलाइट ‘एफवाय-1सी पोलर’ को मिसाइल से नष्ट किया।

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