संबित पात्रा ने अपने हाथ से गरीब परिवार को खिलाया खाना, वीडियो किया शेयर


नेशनल डेस्क। ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट से बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा चुनाव लड़ रहे हैं। यहां 23 अप्रैल को मतदान होगा। इस सीट से सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजेडी) ने पिनाकी मिश्रा और कांग्रेस ने सत्य प्रकाश नायक को टिकट दिया है। यहां तेजी से प्रचार हो रहा है ऐसे बीजेपी के उम्मीदवार संबित पात्रा का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वो एक गरीब परिवार के लोगों को अपने हाथ से भोजन करवा रहे हैं।

संबित पात्रा ने ट्विटर पर वीडियो जारी किया ये ट्वीट
लिखा- पुरी के एक छोटे से गांव में में रहने वाली एक बूढ़ी विधवा मां, उसकी तीन बेटियां, जिनमें 2 दिव्यांग व बेटा मजदूरी करता है. ऐसी मां का घर बनाने का काम नरेंद्र मोदी ने किया है

संबित पात्रा ने अपने ट्विटर ये भी लिखा
ये मेरा अपना परिवार है, माँ ने खाना बनाकर खिलाया। मैंने अपने हाथों से इन्हें खाना खिलाया और मैं यह मानता हूँ कि इनकी सेवा ही ईश्वर की सबसे बड़ी पूजा है।

पुरी सीट पर 23 अप्रैल को मतदान
बता दें कि पुरी लोकसभा सीट से पहले पीएम मोदी के भी चुनाव लड़ने की चर्चा थी। लेकिन बाद में बीजेपी ने इस सीट से संबित पात्रा को अपना उम्मीदवार घोषित किया। पुरी लोकसभा सीट पर तीसरे चरण के तहत 23 अप्रैल को मतदान होगा। इस सीट से राज्य की सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजेडी) ने पिनाकी मिश्रा और कांग्रेस ने सत्य प्रकाश नायक को टिकट दिया है। ओडिशा में लोकसभा की कुल 21 सीटें हैं। 2014 में बीजेडी को 20 और बीजेपी को एक सीट पर जीत मिली थी। इस बार कांग्रेस, बीजेपी और बीजेडी के बीच मुख्य मुकाबला है।

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sambit patra interacts with people feeds a poor family in puri

यूजर के सवाल पर सुषमा स्वराज ने कहा- मैं ही ट्वीट्स करती हूं न कि मेरा भूत


नई दिल्ली. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक ट्विटर यूजर को जवाब देते हुए कहा कि मैं ही अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करती हूं न कि मेरे भूत। विदेश मंत्री का यह जवाब एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के सवाल पर आया है।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर समित पैधी ने ट्वीट करते हुए कहा था कि सुषमा स्वराज के ट्वीट्स उनके द्वारा नहीं किए जाते हैं। पीआर के कुछ लोग उनके लिए ट्वीट करते हैं। इसके लिए उन्हें पैसे भी दिए जाते हैं। इसके जवाब में विदेश मंत्री ने कहा, “मैं आश्वस्त कर दूं कि यह ट्वीट मेरे द्वारा ही किए जाते हैं न कि मेरे भूत द्वारा।”

पिछले हफ्ते, एक ट्विटर यूजर ने उनसे पूछा था कि वह खुद को चौकीदार क्यों कहती हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा था, क्योंकि मैं विदेशों में रहने वाले भारतीयों के हितों की “चौकीदारी’ करती हूं।

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सुषमा स्वराज (फाइल फोटो)।

नामदार को आपकी भलाई नहीं मलाई की चिंता, दोबारा घुसने दिया तो मलाई खा जाएंगे: मोदी


ईटानगर.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अरुणाचल प्रदेश से पूर्वोत्तर में लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की। यहां उन्होंने कहा कि नामदार (राहुल गांधी) को लोगों की भलाई नहीं अपनी मलाई की चिंता है। अगर दोबारा घुसने दिया तो वह मलाई खा जाएंगे।असम के डिब्रूगढ़ में कहा कि पहले लगता था कि उन्हें (विपक्ष) एक चायवाले से नफरत है, लेकिन यहां आकर मालूम हुआ कि उन्हें तो चाय के कारोबार से जुड़ा कोई व्यक्ति पसंद नहीं। दोनों राज्यों में पहले चरण में 11 अप्रैल को मतदान होगा।

‘अरुणाचल को पहली बार रेल मैप पर चौकीदार ही लाया’
मोदी ने कहा, “कांग्रेस के नामदारों ने अरुणाचल की परवाह नहीं की। अरुणाचल को पहली बार रेल मैप पर लाने का काम इस चौकीदार ने किया। बोगीबील पुल की शुरुआत की। आजादी के 70 साल बाद आपको हवाई कनेक्टिविटी मिल पाई है। दशकों से जानकार कह रहे थे कि अरुणाचल के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की जरूरत है। नामदार और उनके राजदरबारियों को आपकी भलाई नहीं, अपनी मलाई की चिंता थी। अब उन्हें दोबारा घुसने मत देना, नहीं तो ये लोग आपकी मलाई चट कर जाएंगे। गरीबों की मलाई कौन खा गया था। इनकी खाने की ताकत इतनी है कि वे अरुणाचल और केरल की भी खा सकते हैं। इनकी सरकार दिल्ली में हो या किसी राज्य में करप्शन से इनका नाता मजबूत रहा है। यही उनका गठबंधन है।”

‘नामदार खुद जमानत पर, चौकीदार को गाली दे रहे’
प्रधानमंत्री ने कहा, “दिल्ली में बैठे इनके (कांग्रेस के) नेता इनकम टैक्स चुराते हैं। नामदार को खुद जमानत मिली हुई है। अगर ये न मिलती तो कहां होते? खुद तो बच गए और चौकीदार को गाली दे रहे हैं। इन लोगों को टेकन फॉर ग्रांटेड की पुरानी आदत रही है। इन्हें देश और युवाओं के सामर्थ्य पर भरोसा नहीं है। ये ऐसे लोग हैं कि देश की उपलब्धियों पर नामदारों और रागदरबारियों के चेहरे लटक जाते हैं, बस रोना रह जाता है।”

“सर्जिकल स्ट्राइक और मिशन शक्ति पर ये तिलमिला जाते हैं। यह आतंकवादियों के आकाओं की भाषा बोलते हैं। आज इन्हें भारत में कोई पूछने वाला नहीं है, लेकिन पाकिस्तान में इनके चेहरे चमक रहे हैं। टीवी पर बयान चल रहे हैं। उन्हें एक पड़ोसी देश पर इतना प्यार आ रहा है कि पूर्वोत्तर ही नहीं, उन्हें भारत भी नहीं भा रहा है।”

चायवाला हूं, आपका दर्द समझ सकता हूं: मोदी

मोदी ने डिब्रूगढ़ में कहा, ”वे (विपक्ष) चौकीदार से नफरत करते हैं, उन्हें चायवालों से भी परेशानी है। मुझे लगता था कि सिर्फ एक चायवाला उनके निशाने पर हैं, लेकिन जब मैं बंगाल और असम समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में गया। तब पता चला कि उन्हें चाय के कारोबार से जुड़े लोग भी अच्छे नहीं लगते हैं। आखिर क्यों चाय किसान 70 साल से परेशानी झेल रहे हैं? आज उन्हें मूलभूत सुविधाएं तक नहीं दी गईं। कोई चायवाला ही चायवालों का दर्द समझ सकता है।”

पूर्वोत्तर की 25 सीटें जीतने का लक्ष्य

भाजपा ने इस बार पूर्वोत्तर की 25 लोकसभा सीट जीतने का लक्ष्य रखा है। पिछली बार एनडीए को आठ सीटें मिली थीं। अरुणाचल की दो लोकसभा और 60 विधानसभा सीटों पर साथ मतदान होना है। दूसरी ओर, असम लोकसभा सीटों के लिहाज से सबसे बड़ा राज्य है, यहां 14 सीटों पर 11, 18 और 23 अप्रैल को वोटिंग होगी।

पूर्वोत्तर में कई दलों के साथ भाजपा का गठबंधन
पूर्वोत्तर के चुनाव प्रभारी राम माधव ने फेसबुक पोस्ट में लिखा- ”भाजपा, एनपीपी, एनडीपीपी, एजीपी और बीपीएफ मिलकर असम, नगालैंड, मेघालय, मणिपुर और अरुणाचल में कांग्रेस को हराएंगे। वहीं, त्रिपुरा में भाजपा आईपीएफटी और अन्य सहयोगी दलों के साथ लड़ेगी। सिक्किम में मुख्य विपक्षी दल एसकेएम हमारे साथ है।”

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मोदी ने कहा कि अरुणाचल को पहली बार रेल मैप पर लाने का काम इस चौकीदार ने किया।

मिग-27 क्रैश; इंजन में खराबी आई, विमान को आबादी से दूर ले गया पायलट, सुरक्षित निकला


जोधपुर. राजस्थान में जोधपुर के पासरविवार को वायुसेना का लड़ाकू विमान मिग-27 क्रैशहो गया। वायसेना ने बताया कि इंजन में खराबी आ गई थी। ऐसे में पायलट विमान कोसमय रहते आबादी से दूर ले गया। उसने खुद को सुरक्षित इजेक्ट कर लिया। उसेहेलिकॉप्टर से जोधपुर लाया गया है।क्रैश हुआविमानअपनीनियमित अभ्यासउड़ान पर था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विमान में हवा में रहते ही आग लग गई थी।

विमान ने बाड़मेर से उड़ान भरी थी

एयरफोर्स के प्रवक्ता ने बताया कि मिग-27 ने रविवार को 11.45 बजे पर बाड़मेर जिले के उत्तरलाई एयरबेस से उड़ान भरी थी। इसके बाद इंजन में खराबी आ गई। लिहाजा पायलट विमान को जोधपुर से 120 किमी दक्षिण मेंबिना आबादी वाले इलाके में ले गया और खुद को सुरक्षित इजेक्ट कर लिया। किसी भी तरह के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। एयरफोर्स ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं।

पहले भी हादसे का शिकार हुएमिग

वायुसेना मेंमिग श्रेणी के विमानों मेंसबसे अधिक हादसे मिग-21 और मिग-27 के ही हुए हैं। बीकानेर में 8 मार्च को भीमिग-21 क्रैश हुआ था।बीते 10 सालमें एयरफोर्स विभिन्न श्रेणी के अपने 99 विमान हादसे में गंवा चुकी है।

एयर फोर्स के पास सबसे नए विमान सुखोई-30हैं। इसके अलावा अन्य सभी विमान काफी पुराने हो चुके हैं। वहीं,सबसे अधिक मिग श्रेणी के विमान है। इनमें से मिग-21 की संख्या 112 है। जबकि 44 मिग-27 और66 मिग-29 है।बहादुर के नाम से मशहूर मिग-27 की दो स्क्वाड्रन ही बची है और दोनों जोधपुर में ही हैं।

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MiG 27 UPG aircraft on a routine mission from Jodhpur, crashed

इस फोटो में छुपा है कुछ बेहद खतरनाक, जानने के लिए देखें वीडियो



नेशनल वीडियो डेस्क.सांप का ये वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी देखा जा रहा है। वीडियो में एक सांप मिट्टी के बीच दिखाई दे रहा है। सांप का रंग भी मिट्टी जैसा ही है। अचानक सांप अपने शरीर को मिट्टी में धीरे-धीरे धंसाता जाता है। थोड़ी देर बार सांप पूरी तरह से मिट्टी के अंदर छुप जाता है।

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Watch the video a snake disappear in the front of your eyes

‘मैं भी चौकीदार’ के जवाब में यूथ कांग्रेस ने शुरू किया ‘मैं भी बेरोजगार’ अभियान


नई दिल्ली.लोकसभा चुनाव में भाजपा ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान के साथ चुनाव मैदान में उतरी है। इसके जवाब में यूथ कांग्रेस ने हैशटैग‘मैं भी बेरोजगार’अभियान शुरू किया है। यह सोशल मीडिया पर ट्रेंड में है। कांग्रेस का दावा है कि उनका यह कैम्पेन भाजपा के अभियान पर भारी पड़ेगा। इस हैशटैग के साथ लाखों बेरोजगार युवा ट्विटर पर अपना दर्द बयां कर रहे हैं।

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Lok Sabha Chunav 2019: Youth Congs Main Bhi Berozgar campaign to counter Main Bhi Chowkidar in Lok Sabha Election 2019

कांग्रेस ने दो बार 90% से ज्यादा सीटें जीतीं, भाजपा को राम लहर से ज्यादा सीटें मोदी लहर में मिलीं


नई दिल्ली. पहले लोकसभा चुनाव से लेकर 16वें चुनाव तक कांग्रेस, भाजपा समेत अन्य प्रमुख दलों को मिलीं सीटों में बड़ा अंतर आया है। कांग्रेस जहां 90% से घटकर 9% सीटों पर आ गई, वहीं भाजपा ने 1984 से 2014 के बीच अपनी सीटें 0.3% से बढ़ाकर 52% तक पहुंचा दीं। आजादी के बाद पहली बार 2004 में वाम दल सबसे बेहतर प्रदर्शन कर सके। वहीं, 2014 का चुनाव द्रमुक (0), बसपा (0) और सपा (5) के लिए सबसे निराशाजनक रहा। वहीं, अन्नाद्रमुक (37) और तृणमूल (34) ने मोदी लहर के बावजूद पिछले चुनाव में अपना अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। पहली बार में ही सत्ता तक पहुंचने का रिकॉर्ड कांग्रेस के बाद जनता पार्टी और जनता दल का रहा। जनता पार्टी ने 1977 और जनता दल ने 1989 में सरकार बनाई। हालांकि, बाद में दोनों दल टूट गए।

कांग्रेस: 1957 में 1984 से भी अच्छा सक्सेस रेट था, 2014 में सबसे कम सीटें मिलीं
1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 90% यानी 401 में से 364 सीटें मिली थीं। 1957 में दूसरे चुनाव में उसने 403 में से 371 यानी 92% सीटें जीतीं। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में हुए चुनाव में कांग्रेस का तीसरा सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा। इसमें पार्टी को 543 में से 76% यानी 415 सीटें मिलीं। इसके बाद कांग्रेस की सीटें घटती गईं। सिर्फ एक बार 2009 में उसने 200+ का आंकड़ा पार किया और 206 सीटें जीतीं। इसके बाद 2014 में कांग्रेस को महज 44 सीटें मिलीं, यह कुल सीटों का महज 8% हिस्सा थी। देश के चुनावी इतिहास में कांग्रेस का यह सबसे खराब प्रदर्शन था।

भाजपा को सबसे ज्यादा सीटों तक पहुंचने में 30 साल लगे, 10 साल में उसकी सीटें दोगुनी हुईं
जनसंघ के जनता पार्टी में विलय और फिर इसके टूटने के बाद 1980 में भाजपा अस्तित्व में आई। पार्टी ने 1984 में पहला चुनाव लड़ा और 2 सीटों पर जीत हासिल की। 1989 के चुनाव में भाजपा राम मंदिर को मुद्दा बना चुकी थी। उसने इस चुनाव में 86 यानी 15% सीटें हासिल कीं और नेशनल फ्रंट सरकार को समर्थन दिया। इसी बीच, लालकृष्ण आडवाणी ने रथ यात्रा निकाली। 1991 में दोबारा चुनाव हुए और भाजपा की सीटें बढ़कर 120 यानी 22% हो गईं। 1996 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 161, 1998 में 1982 और 1999 में 182 सीटें मिलीं। 2004 में उसकी सीटें घटकर 138 हो गईं। 2009 में सीटें और भी कम होकर 116 पर आ गईं। लेकिन 2014 में उसने अपनी सबसे ज्यादा 282 सीटें हासिल कीं। यह कुल सीटों के मुकाबले 52% थीं।

जनता पार्टी : दो साल में शीर्ष से उतरी
इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए चुनाव में इंदिरा विरोधी कई दलों ने एकजुट होकर जनता पार्टी बनाई। इसमें जनसंघ, भारतीय लोकदल, कांग्रेस (ओ) जैसी प्रमुख पार्टियां शामिल थीं। 41% वोटों के साथ जनता पार्टी ने अपने पहले ही चुनाव में 295 सीटें जीतीं। इमरजेंसी के खिलाफ लोगों का गुस्सा और विपक्षी एकजुटता इस चुनाव में पार्टी की जीत का बड़ा कारण रही।

महज 2 साल में ही जनता पार्टी अपने अर्श से फर्श पर पहुंच गई। नेताओं के बीच मतभेद हुए और पार्टी टूट गई। मोरारजी देसाई को पद छोड़ना पड़ा और चौधरी चरण सिंह कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री बने। जनता पार्टी के टूटने के बाद बड़े चेहरों ने अपने-अपने दल बनाए। इसके बाद 1996, 1999 और 2004 के चुनाव में पार्टी को एक भी सीट नसीब नहीं हुई। 2013 में पार्टी का भाजपा में विलय हो गया।

जनता दल : पहले चुनाव में ही सत्ता, फिर लगातार पतन
वीपी सिंह ने जन मोर्चा, जनता पार्टी, लोकदल और कांग्रेस-एस को एकजुट कर 1988 में जनता दल की नींव रखी। 1989 के चुनाव में पार्टी को 143 सीटें हासिल हुईं। भाजपा और लेफ्ट के समर्थन से जनता दल की सरकार बनी। यह जनता दल का सबसे अच्छा प्रदर्शन था। 1996 के चुनाव के बाद जनता दल टूटने लगा। 1998 में पार्टी को महज 6 सीटें मिलीं। 1999 के चुनाव के पहले पार्टी पूरी तरह खत्म हो गई। इसमें शामिल बड़े चेहरों ने जदयू, जेडीएस, राजद, बीजद जैसे दल बनाए।

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Loksabha Election 2019: Congress Won 90% Seats in 2 Election, BJP gain More Seats in Modi wave during Lok Sabha Chunav

शरद पवार से मिले सचिन तेंदुलकर, राकांपा ने कहा- यह सौजन्य भेंट थी


मुंबई.सचिन तेंदुलकर ने शनिवार को राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार सेमुलाकात की। पार्टी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने बताया, ”पवार के निवास स्थान ‘सिल्वर ओक’ पर हुई यह मुलाकात सामान्य थी, जो आधा घंटा चली। इस दौरान दोनों के बीच किसी तरह की राजनीतिक चर्चा नहीं हुई।”

सूत्र ने कहा- आभार व्यक्त करने आए थे तेंदुलकर

पार्टी के सूत्र के मुताबिक पिछले दिनों पुलवामा हमले के बाद सचिन तेंदुलकर ने विश्वकप में भारतीय क्रिकेट टीम के पाकिस्तान के साथ खेलने की बात कही थी, जिसके बाद उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल भी किया गया। इस दौरान पवार नेसचिन का समर्थन किया था।इसी का आभार व्यक्त करने के लिए तेंदुलकर, पवार के घर पहुंचे।

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सचिन तेंदुलकर।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।


शताब्दी एक्सप्रेस में यात्रियों को ‘मैं भी चौकीदार’ लिखे कप में चाय दी जा रही थी।


जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती। -फाइल फोटो


कांग्रेस नेता उर्मिला मातोंडकर। -फाइल फोटो


Lok Sabha Chunav 2019: Sachin Tendulkar met Sharad Pawar, NCP Said it was Casual Meet during Lok Sabha Election 2019

राहुल वायनाड से भी लड़ेंगे, शाह बोले- वहां ध्रुवीकरण की राजनीति से जीतना चाहते हैं


नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्षराहुल गांधी दो सीटों से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। पार्टी की ओर से रविवार को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहागया किकेरल से लगातार आ रही कार्यकर्ताओं की मांग को देखते हुए उन्होंनेअमेठी के साथ हीवायनाड से भी चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इस पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि राहुल वायनाड से ध्रुवीकरण की राजनीति कर जीतना चाहते हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने कहा- यह बेहद खुशी की बात है। पिछले कई हफ्ते से मांग उठ रही थी कि राहुल दक्षिण भारत से भी चुनाव लड़ें। केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक से मांग आ रही थी। इस पर विचार-विमर्श के बाद राहुल का वायनाड सीट से चुनाव लड़ना तय हुआ।

‘अमेठी छोड़कर भागे राहुल’
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ने पर तंज कसा। शाह ने कहा, ‘मैंने वॉट्सऐप पर पढ़ाकि राहुल अमेठी को छोड़कर केरल भाग गए हैं। आखिर उन्हें केरल क्यों जाना पड़ा? हम सभी जानते हैं कि राहुल का अमेठी से ही लड़ना तय था, लेकिन अब वे वहां जाकर ध्रुवीकरण की राजनीति से जीत हासिल करना चाहते हैं।’

माकपा ने उठाए सवाल

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा- हर पार्टी को उम्मीदवार और उसकी सीट तय करने का अधिकार है, लेकिन राहुल गांधी को स्पष्ट करना चाहिए कि वे जनता को क्या संदेश देना चाहते हैं।

वहीं, माकपाके पूर्व महासचिव प्रकाश करात ने कहा- राहुल को वायनाड सीट से उतारने का कांग्रेस का फैसला केरल में उसकी वाम दल के खिलाफ प्राथमिकता को दर्शाता है। यह उसकी भाजपा के खिलाफ लड़ने की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता के खिलाफ है। वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा- राहुल को राज्य में ऐसी सीट से चुनाव लड़ना चाहिए जहां भाजपा का उम्मीदवार हो। यह वाम दलके खिलाफ लड़ाई के सिवाय औरकुछ नहीं है।

मेनका गांधी ने कहा- यह उन (राहुल) पर है कि वे कहां से लड़ना चाहते हैं। मैं कैसे बताऊं कि वे डरे हुए हैं या नहीं। दोनों (अमेठी-वायनाड) सीटों से जीत हमारी (भाजपा) ही होगी।

रणनीतिक तौर परवायनाड सीटकाफी अहम

एंटनी ने बताया कि राहुल की ओर सेवायनाड कोचुनने की कई वजह हैं। यह सीट सांस्कृतिक और भौगोलिक रूप से काफी अहम है। यह केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमाओं कोजोड़ती है। ऐसे में राहुल का यहा से चुनाव लड़नाएक तरह से पूरे दक्षिण भारत का प्रतिनिधित्व होगा।

स्मृति से राहुल सबसे कम अंतर से जीते
अमेठी में भाजपा ने इस बार भीकेंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी काे उतारा है। 2014 के लाेकसभा चुनाव में राहुल ने उन्हें 1.07 लाख वाेटाें से हराया था। हालांकि, राहुल की जीत का यह अंतर 2009 की तुलना में काफी कम था। तब राहुल 3.70 लाख वाेटाें से जीते थे। राहुल 2004 से लगातार तीन बार अमेठी से सांसद चुने जा चुके हैं। 2009 में वह 3.70 लाख वाेटाें से जीते थे।चुनाव हारने के बावजूद स्मृति अमेठी में लगातार सक्रिय रहीं औरभाजपा ने इस बार फिर उन्हें टिकट दिया है।

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Lok Sabha Election 2019: Rahul Gandhi will Contest From Kerala Wayanad, He FIled Nomination for Lok Sabha Chunav 2019

सड़क किनारे खड़ी SUV में बैठने जा रहा था शख्स, तभी अचानक उस पर आ गई एक साथ दो-दो आफत



इंटरनेशनल डेस्क। चीन का एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक SUV सवार के साथ हैरान करने वाला हादसा हो गया। तेज रफ्तार ट्रक के टायर निकलकर SUV पर जा गिरे। चलते ट्रक से अचानक निकले टायर ने SUV को पूरी तरह से डैमेज कर दिया। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि ट्रक का एक टायर निकलकर SUV के बम्पर से जा टकराया और दूसरे टायर पत्थर और पाइप से टकराया और उछलकर गाड़ी की छत पर जा गिरा। गनीमत रही कि इस हादसे में शख्स की जान बाल-बाल बच गई।

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2 tires come off semi truck and destory a car